भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से उनके कार्यालय में मुलाकात कर वित्तीय प्रबंधन और केन्द्रीय योजनाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने मध्यप्रदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश अपने बेहतर वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय प्रदर्शन के कारण उभर कर आया है। वित्त मंत्री के साथ लगभग एक घंटे चली बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न वित्तीय मुद्दों, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, केन्द्र में पूंजीगत कार्यों के लिए लम्बित शेष राशि और एक प्रतिशत (बिना शर्त) अतिरिक्त ऋण स्वीकृति के बारे में विस्तार से चर्चा की।

चौहान ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त ऋण बाजार से उठाने की अनुमति दी जाए ताकि वित्तीय संकट और कोविड काल के समय विकास कार्यों की गति पर विपरीत प्रभाव न पडे़ और न ही जनकल्याण योजनाओं या अन्य विकास कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट आयें।

मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री को बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है लेकिन कुछ व्यावहारिक दिक्कतों के कारण बैंक प्रार्थी का ऋण आवेदन निरस्त कर देता है। अहम् दिक्कत बैंकों द्वारा सिबिल रेटिंग मांगा जाना है जिसकी जानकारी गरीबों के पास नहीं होती है। चौहान ने आग्रह किया कि सिबिल रेटिंग स्ट्रीट वेंडर्स पर लागू नहीं होनी चाहिए। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने इस आग्रह को सहज ही स्वीकार कर लिया। चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश ने ग्रामीण क्षेत्रों के पथ विक्रेताओं की जिन्दगी को पटरी पर लौटाने के उद्देश्य से ग्रामीण पथ विक्रेता योजना बनाई है। इसके तहत राज्य सरकार दस हजार रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के प्रदान कर रही है। चौहान ने इस योजना के लिए केन्द्र से सहयोग की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने की योजना में सहयोग देने वाले राज्यों के लिये बाजार से अतिरिक्त ऋण लेने की सीमा बढ़ाई जा सकती है। राज्य फिलहाल जी.डी.पी. का तीन प्रतिशत ऋण बाजार से ले सकता है। आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा बताये गये चार सुधारों में से हर सुधार करने पर 0.25 प्रतिशत जी.डी.पी. का लोन बाजार से लेने का अधिकार मिलेगा। चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश ने तीन सुधार पूरे कर लिए हैं। इसके बदले बाजार से 0.75 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को दी है। केवल एक सुधार शेष है। इस पर भी हम तेजी से कार्य कर रहे हैं और उसके पूर्ण होते ही मध्यप्रदेश को 0.25 प्रतिशत ऋण बाजार से लेने की स्वीकृति मिल जायेगी।

अधोसंरचना विकास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश को सोलह सौ करोड़ रुपये में से 660 करोड़ रुपये की राशि केन्द्र द्वारा स्वीकृत की गई थी जिसमें से अभी तक केवल 330 करोड़ रुपये राज्य को प्राप्त हुए हैं। चौहान ने आग्रह किया कि शेष 330 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी की जाये ताकि शेष बचे हुए अधोसंरचना के कार्य 31 मार्च, 2021 तक पूरे किये जा सकें। चौहान ने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने अधोसंरचना के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए 660 करोड़ रुपये अतिरिक्त देने का भी निर्णय लिया है। 

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