ग्वालियर। भिण्ड जिले के गोहद व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में जहरीला दूध बनाने की साम्रगी के तीन गोदामों पर छापामार कार्यवाही के दौरान लाखों रुपए की साम्रगी को जप्त कर साम्रगी के मालिक को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की गई तथा बाद में छोड दिया गया।
गोहद के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उमा करारे ने बताया कि उन्हें सूचना मिल रही थी कि गोहद में कृत्रिम दूध बनाने की साम्रगी भारी मात्रा में गुप्त रुप से बेची जा रही है। उन्होंने भारी पुलिसबल के साथ साम्रगी बेचने वाले व्यापारी पवन सांवला के तीन गोदामों पर छापामार कार्यवाही की तो गोदामों पर रिफाइण्ड के 8 ड्रम, तेजाब की 53 केन, ग्लूकोज की 139, यूरिया खाद की चार बोरियां व सरसों के तेल के 11 ड्रम जप्त किए गए है। उक्त साम्रगी जप्त करने के बाद व्यापारी पवन सांवला को पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ करने के बाद आज सुवह उसे छोड दिया गया।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिनेश लोधी ने बताया कि गोहद एसडीएम उमा करारे की रिपोर्ट पर खाद्य विभाग की टीम गोहद पहुंची जहां व्यापारी पवन सांवला के गोदामों से जप्त की गई ग्लूकोज, रिफाण्ड, खाद की बोरी व सरसों के तेल के सेंपल लिए जाकर जांच के लिए भेजे गए है। रिपोर्ट आने के बाद व्यापारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
गोहद एसडीएम उमा करारे ने बताया कि गोहद क्षेत्र में बडे पैमाने में मिलावटी दूध का कारोबार हो रहा है। एक व्यापारी के तीन गोदामों से भारी मात्रा में कृत्रिम दूध बनाने की साम्रगी जप्त की गई है। जप्त साम्रगी की कीमत 5 लाख रुपए के करीबन कताई गई है। जप्त साम्रगी के सेंपल लिए गए है अगर सेंपल फेल होते है तो उक्त व्यापारी के खिलाफ एनएसए के तहत कार्यवाही करने के लिए प्रतिवंदन भिण्ड कलेक्टर की ओर भेजा जाएगा।
एसडीएम उमा करारे ने बताया कि गोहद क्षेत्र में करीबन दो दर्जन से अधिक गांवों में रसायनिक कैमिकल्स से कृत्रिम दूध तैयार कर जिले से बाहर भेजा जा रहा है। जहां यह दूध बनाया जा रहा है उनका पता लगाकर कृत्रिम दूध बनाने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
मृख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉं. राकेश शर्मा ने बताया कि भिण्ड जिले में ग्रामीण व दूध का कारोबार करने वाले कैमिकल्स से दूध तैयार कर जिले से बाहर निर्यात करते हैं। कैमिकल्स से बनाया गया दूध स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं बच्चों व गर्भवती महिलाओं को यह दूध पिलाया गया तो गर्भ में पज रहे बच्चे को अंधा, कमजोर बना सकता है। कृत्रिम दूध बनाने वालों के खिलाफ खाद्य विभाग समय-समय पर अभियान चलकर इन कारोबारियों को पकडता है।

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