भोपाल। एमपी में कोरोना के नए मामले अब कम हो रहे हैं। इस बीच शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। एमपी स्वास्थ्य संचनालय ने भोपाल छोड़ कर प्रदेश के सभी कोविड-19 केयर सेंटर को बंद करने का फैसला लिया है। इसे लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है। वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस फैसले को सही ठहराया है। ये केंद्र लक्षण रहित या बहुत हल्के लक्षणों वाले कोविड-19 के मरीजों के ठहरने और उपचार के लिए स्कूलों, कॉलेजों एवं लोगों के निजी भवनों में स्थापित किए गये थे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब कोविड-19 के मरीज अपने ही घरों में पृथक-वास पर रह रहे हैं। इसलिए अब इनकी जरूरत नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और अधिकतर कोविड केयर सेंटर में बहुत ही कम लोग आने के मद्देनजर नीतिगत निर्णय लेते हुए इन्हें बंद किया गया है। सिन्हा ने बताया कि भविष्य में कोविड-19 के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने पर जिलों को कोविड केयर सेंटर खोले जाने की विशेष अनुमति राज्य स्तर से प्राप्त की जाएगी।

प्रदेश में नियंत्रित है कोरोना
वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर पलटवार करते हुए कहा कि क्या कमलनाथ जी चाहते हैं कि कोविड केयर सेंटर हमेशा खुले रहें। प्रदेश में कोविड-19 पूरी तरह से नियंत्रित है। इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। होम आइसोलेशन का भी इंतजाम है। आवश्यतका होगी, तो फिर कोविड सेंटर खोल देंगे, लेकिन केवल खोलने के लिए खोलना, इसका कोई औचित्य नहीं है।

गौरतलब है कि एमपी में रविवार को कोरोना के 724 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, प्रदेश में आज कोरोना से कुल 14 मौतें हुई हैं। भोपाल और इंदौर में भी अब कोरोना की रफ्तार थम गई है। रविवार को इंदौर में कोरोना के 155 और भोपाल में 127 केस मिले हैं।

कमलनाथ ने साधा निशाना
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से मौतें जारी, संक्रमण का आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। विधानसभा का सत्र तक कोरोना के भय से निरस्त और शिवराज सरकार ने भोपाल को छोड़ कर प्रदेश के सभी कोविड केयर सेंटर बंद किए।

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