छिंदवाड़ा. ‘जिसने की सेवा, उसे मिलेगा मेवा’ पर आधारित ये कहानी लगती तो है Reel, लेकिन है पूरी तरह Real. जिले के एक किसान ने अपनी वसीयत का एक हिस्सा बेटे-बेटियों को देने के बजाय अपने पालतू डॉगी “जैकी” को दे दिया, बाकी का हिस्सा पत्नी के नाम कर दिया है. हालांकि, गांव के सरपंच ने उनसे इस संबंध में चर्चा भी की है.

छिंदवाड़ा जिले में एक गांव है बाड़ी-बड़ा. यहां के किसान हैं ओम नारायण वर्मा. इनके पास करीब 18 एकड़ जमीन है. बुढ़ापे में औलादों द्वारा सेवा न करने की वजह से इन्होंने निर्णय लिया कि वे 2 एकड़ जैकी को देंगे, बाकी 16 एकड़ पत्नी को देंगे. ओम नारायण ने इसके लिए बाकायदा सरकारी शपथ पत्र भी बनवा लिया है.

50 साल के ओम नारायण वर्मा ने वसीयत में लिखा है- ‘मेरी सेवा मेरी पत्नी और पालतू डॉगी करता है. इसलिए मेरे जीते जी वह मेरे लिए सबसे अधिक प्रिय है. मेरी मौत के बाद पूरी संपत्ति और जमीन-जायदाद के हकदार पत्नी चम्पा वर्मा और जैकी होंगे.’ साथ ही, जैकी की सेवा करने वाले को जायदाद का अगला वारिस समझा जाएगा.’

गांव वालों के मुताबिक, किसान का भरा-पूरा परिवार है. लेकिन, उसकी औलादें उसका ख्याल नहीं रख रहीं. ओम नारायण की दो पत्नियां हैं. उनका दो बार विवाह हुआ था. पहली पत्नी धनवंती वर्मा है, जिससे तीन बेटियां और एक बेटा हैं. वहीं, दूसरी पत्नी चम्पा वर्मा हैं, जिससे दो बेटियां हैं. इन सभी के बीच पारिवारिक विवाद भी चल रहा है.

पारिवारिक मामले में नया ट्विस्ट भी दिखाई दे रहा है. विवाद को बढ़ता देख गांव  के सरपंच जमुना प्रसाद वर्मा ने इस संबंध में ओम से बात की. सरपंच ने बताया कि इस संबंध में मैंने ओम से बात की है. उसने वचन दिया है कि वह अपनी ये वसीयत बदल लेगा.

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