भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में सभी सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेज खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। 1 जनवरी 2021 से कॉलेज नियमित रूप से खोले जाएंगे। सभी कॉलेजों में पहले की तरह नियमित कक्षाएं संचालित होंगी। गाइड लाइन में वह सभी बातें शामिल की गई है जो हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल खोलने के लिए निर्धारित की गई हैं। यानी कॉलेज संचालक स्टूडेंट्स को आने के लिए प्रेशर नहीं कर सकते। जब तक पेरेंट्स की लिखित परमिशन नहीं होगी तब तक स्टूडेंट्स की रेगुलर क्लास में अटेंडेंस नहीं ली जा सकती।
कॉलेज खोलने के लिए 20 जनवरी को फाइनल डिसीजन होगा
उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार नई गाइडलाइन में कॉलेज खुलने के आदेश शासन ने जारी कर दिए हैं। 1 जनवरी 2020 से सभी सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेज खुल जाएंगे। इसमें बीए से लेकर तकनीकी कॉलेज भी शामिल हैं। 1 जनवरी से पहले 10 दिन सिर्फ प्रैक्टिकल और 10 जनवरी से नियमित क्लास शुरू की जाएंगी। यह एक प्रकार का ट्रायल रन होगा। इसके बाद 20 जनवरी को सभी जिलों के आपदा प्रबंधन की बैठक होगी। उसके बाद कॉलेज को आगे नियमित और क्लास की संख्या बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा। इस में कोरोना की स्थिति को मुख्य रूप से ध्यान रखा जाएगा।
क्लास में 33% से ज्यादा विद्यार्थियों को नहीं बुला सकते
इसके बाद अब प्रदेशभर के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी कालेज और पॉलीटेक्निक एक जनवरी से खोले जा सकेंगे। ये कॉलेज शासन और UGC द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत ही लगेंगे। संस्थानों और विद्यार्थियों की सहमति से ही कॉलेज खोले जाएंगे। प्रबंधन विद्यार्थियों को कॉलेज आने के लिए मजबूर नहीं करेंगे। छात्र अपनी मर्जी से ही कॉलेज आकर कक्षाओं में उपस्थित होंगे। इसलिए कॉलेज स्टूडेंट्स की एक तिहाई उपस्थिति से कक्षाएं लगाई जा सकेंगी।
पहले की तरह ऑन लाइन क्लास चालू रहेंगी
छात्र अपनी मर्जी से कॉलेज आ सकेंगे। अगर वे कॉलेज नहीं आना चाहते हैं, तो पहले की तरह ऑन लाइन क्लास चालू रहेंगी। किसी भी तरह की सार्वजनिक गतिविधियों जैसे खेल और अन्य तरह के कार्यक्रम प्रतिबंधित हैं। इसके अलावा हॉस्टल भी नहीं खुलेंगे। लाइब्रेरी भी केवल किताबों को लेने और जमा करने के लिए खुलेगी। छात्र को कॉलेज आने के लिए माता-पिता की लिखित अनुमति लाना होगा। छात्रों को 50% क्षमता के आधार पर रोटेशन के आधार पर बुलाया जा सकेगा।