भोपाल ! राजस्थान के झालावाड़ से सटे राजगढ़ जिले में महिला सशक्तीकरण विभाग और कलेक्टर के प्रयास से सबसे अधिक 126 बाल विवाह रूकवाये गये। जबकि अनूपपुर में 71, राजधानी भोपाल में 12, मण्डला 28, डिंडोरी में 24, रायसेन में 17 और बैतूल में 20 बाल विवाह रोकवाने में विभाग सफल रहा है।
जिला महिला सशक्तीकरण अधिकारी श्यामबाबू खरे ने कहा, कि 126 में से 17 बाल विवाह रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अदालत के आदेश के बाद ही अभिभावकों ने बाल विवाह न करने की बात मानी। श्री खरे ने बताया, कि इस वर्ष एसडीएम के आदेश से सामूहिक विवाह स्थल पर आयु प्रमाण-पत्र के आधार पर बाल विवाह रोकना संभव हुआ। उन्होंने बताया, कि बहुत समझाने के बाद और जेल जाने के डर से माता-पिता बाल विवाह न करने पर राजी हुए और शपथ पत्र भी लिखकर दिया।
मंदसौर में पदस्थ इसी विभाग के उपसंचालक ओ पी शुभांगी गर्ग ने बताया, कि अप्रैल में 175 बाल विवाह रूकवाए। कहीं-कहीं बाल विवाह रूकवाने में चाइल्ड लाईन की मदद भी लेनी पड़ी। कुछ प्रकरण ऐसे हैं, जहां नाबालिगलड़की ने खुद आगे बढ़कर विभाग को सूचना दी।
नातरा प्रथा रोकने चलाया गया जागरुकता अभियान
राजगढ़ जिले में नातरा प्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए विभाग ने बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया। जिसके अन्तर्गत 6 विकास खण्डों के साथ ही जिला स्तर भी कार्यशालाएं भी आयोजित की गई। इस जिले में नातरा प्रथा बहुत प्रचलित है। यह प्रथा किशोरियों के लिए अभिशाप है और इस प्रथा में पिता 3 साल की बच्ची तक का पैसे लेकर किसी भी उम्र के व्यक्ति के साथ गोद में बिठाकर नातरा कर देता है। बाद में पैसा न चुका पाने की स्थिति में पहले से अधिक पैसे लेकर किसी दूसरे व्यक्ति और फिर उससे अधिक पैसे लेकर किसी तीसरे व्यक्ति के साथ बच्ची का नातरा कर देते हैं। यह अमानवीय सिलसिला तब तक चलता है, जब तक लड़की बालिग न हो जाये। कभी-कभी एक समुदाय विशेष में पति के निधन के बाद लड़की का पुर्नविवाह भी नातरा प्रथा कहलाता है। इसके अलावा बालिग होने के बाद यदि लड़की पहले हुए नातरे को समाप्त कर किसी दूसरे व्यक्ति के साथ स्वैच्छा से रहने चली जाती है, तो उसे भी नातरा कहा जाता है। यह प्रथा मालवांचल के कई क्षेत्रों में प्रचलित है। राजगढ़ के अलावा रतलाम, मंदसौर और नीमच जिलों के कुछ क्षेत्र इस प्रथा के लिए बदनाम हंै। यहां न केवल कम उम्र की बालिकाओं की शादी करवा दी जाती है, बल्कि उन्हें कुछ साल बाद छोड़कर बिना शादी किये ही दूसरे के हवाले कर दिया जाता है। वेश्यावृत्ंित और मानव तस्करी से भी इसे जोड़ा जाता है।