भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने आज कहा कि कानूनी संशोधन को समझाने और पुलिस अधिकारियों के सामने आई नई कठिनाईयों को सुलझाने के लिए समय-समय पर ऐसे सेमीनार का आयोजन किया जाना चाहिए। अजाक शाखा की कार्यशैली से पुलिस और शासन की छवि बनती है। इसलिए हमें ऐसा कार्य करना चाहिए कि शासन गर्व करे।
जौहरी आज अजाक शाखा पुलिस मुख्यालय में दो दिवसीय ‘अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता’ विषय पर आयोजित वेबिनार का समापन किया। उन्होंने आने वाले समय में समय निकालकर स्वयं सेमीनार में सम्मिलित होकर परिचर्चा में भाग लेने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम केवल इन प्रकरणों की विवेचना करना ही नहीं है बल्कि राहत प्रकरणों का यथाशीध्र-यथोचित निराकरण कराकर पीड़ित पक्ष को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाना भी है।
उन्होंने कहा कि एससी/एसटी वर्ग के लोगों को शासन की योजनाओं की जानकारी ही नहीं होती है, इसलिए उनके हितों के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए बनाई गई स्कीमों तक उनकी पहुंच सुलभ बनाने के लिए हमें सहयोग करना चाहिए। समापन अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजाक प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने दो दिवस में हुई गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया।
वेबिनार में आज पुलिस अधीक्षक इओडब्ल्यू धनंजय शाह ने एससी/एसटी एक्ट के पीड़ितों को राहत प्रकरण, पीड़ित प्रतिकर, गवाही भत्ता एवं अन्य शासकीय योजनाओं पर प्रकाश डाला। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपाल राजेश सिंह भदौरिया ने एफआईआर लखिने से लेकर चालान पेश होने तक वे कौनसी चूकें होती हैं, जिनका लाभ अपराधी को मिलता है, के बारे में विस्तार से बताया।
समापन समारोह में पुलिस अधीक्षक अजाक उज्जैन प्रमोद सिन्हा ने दो दिवसीय वेबिनार के सभी सेशन में अजाक शाखा एवं एससी/एसटी एक्ट के विशेषज्ञों द्वारा दिये गये व्याख्यानों में समाहित विषयों तथा बिन्दुओं के साथ ही प्रशिक्षणार्थियों की जिज्ञासाओं तथा उनके समाधान पर प्रकाश डाला। सेमीनार का संचालन डी.आर. तेनीवार ने किया। कार्यक्रम के संचालन में एच.एल. शर्मा ने भी सहयोग प्रदान किया।