मिजाजीलाल जैन

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 साल पहले महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद करने के लिए फ्री ड्राइविंग लाइसेंस योजना की शुरुआत की थी परंतु इसे गुपचुप तरीके से बंद कर दिया गया है। अब महिलाओं को भी पुरुषों के समान ड्राइविंग लाइसेंस की फीस जमा करनी पड़ रही है। 

लाइसेंस की इस व्यवस्था में बदलाव का कारण लाइसेंस व्यवस्था को केंद्र के सर्वर से जुड़ने को बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बीते दिनों केंद्र सरकार के सर्वर सारथी से जुड़ने के बाद आरटीओ की वेबसाइट बंद हो गई थी और लाइसेंस के अपॉइंटमेंट नहीं मिल रहे थे। दो दिन पहले जब ये सिस्टम दोबारा शुरू हुआ तो इसमें महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए शुल्क चुकाना पड़ रहा है। लंबे समय से लाइसेंस का काम देख रहे नरेश नीमा ने बताया कि लाइसेंस बनवाने के लिए पहले लर्निंग और बाद में पक्के लाइसेंस का अपॉइंटमेंट लेना होता है। दो दिन पहले तक यह फ्री होता था लेकिन अब यह केवल पहली बार के लिए फ्री है। अगर कोई महिला लर्निंग लाइसेंस या पक्के ड्राइविंग लाइसेंस की परीक्षा में फेल हो गई, तो दोबारा अपॉइंटमेंट लेने के लिए सरकारी नियमों के अनुसार फीस लगेगी।

महिलाओं के लाइसेंस फ्री करने के बाद शहर में लाइसेंस बनवाने वाली महिलाओं की संख्या में वृद्धि हो गई थी। एक संस्था ने महिलाओं के लाइसेंस बनवाकर उन्हें कमर्शियल लाइसेंस में अपडेट करवाया और प्रशिक्षण देकर उन्हें विभिन्न् जगहों पर ड्रायवर की नौकरी दिलवा दी। आज भी कई महिलाएं कचरा गाड़ी से लेकर दूसरे कमर्शियल वाहन चला रही हैं।

महिलाओं के लाइसेंस मुफ्त हैं। सिस्टम में अचानक ऐसा बदलाव क्यों हो गया है इसकी जानकारी निकाल रहे हैं। मुख्यालय में चर्चा कर पूर्व स्थिति निर्मित करवाई जाएगी। – अर्चना मिश्रा, लाइसेंस शाखा प्रभारी

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