सीहोर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इतिहास को गौरवशाली बताते हुए आज कहा कि हमारी पार्टी का कार्यकर्ता देश के लिए कार्य करते हुए जीना चाहता है। चौहान ने सीहोर जिले के शाहगंज मंडल में भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण वर्ग की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भाजपा एक वैभवशाली, गौरवशाली भारत के निर्माण के लक्ष्य के लिए काम कर रही है और पार्टी का यही लक्ष्य हर कार्यकर्ता का लक्ष्य होना चाहिए। वैभवशाली, गौरवशाली भारत के निर्माण में कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका है और वह इस भूमिका को सफलतापूर्वक निभा सके, इसके लिए प्रशिक्षण जरूरी है।
चौहान ने देश में पिछले छह सात दशकों की राजनैतिक स्थितियों के साथ ही जनसंघ के गठन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत का इतिहास पांच हज़ार वर्षों पुराना है। पश्चिम में जब सभ्यता का उदय भी नहीं हुआ था, तब हमारे यहां वेदों की रचना हो चुकी थी। हमारी संस्कृति अद्भुत है और भारत ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सूत्र पर चलने वाला देश है। लेकिन स्वतंत्रता के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश को खंडित करने वाली नीतियां बनाईं।
देश के विभाजन के बाद वो लाहौर जिसका नाम भगवान राम के पुत्र लव के नाम पर है, वो देश से अलग हो गया। ननकाना साहब, हिंगलाज माता, ढाकेश्वरी माता का मंदिर पाकिस्तान में चला गया। चौहान ने कहा कि सत्ता प्राप्ति की चाह में पंडित नेहरू ने देश की संस्कृति, परंपरा और जीवन मूल्यों की भी चिंता नहीं की। चौहान ने कहा कि ऐसे समय में देश के मनीषियों, चिंतकों ने राष्ट्र की चिंता की। देश की समस्याओं के निराकरण को लेकर एक पार्टी के गठन को लेकर सोचा गया।
तब पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे लोग साथ आए और जनसंघ का गठन हुआ। प्रदेश में कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल खंडेलवाल, नारायण प्रसाद गुप्ता और कैलाश सारंग जैसे नेताओं ने जनसंघ के विस्तार की जिम्मेदारी संभाली।
उन्होंने बताया कि डॉ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में धारा 370 का विरोध किया और तत्कालीन नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलेंगे। चौहान ने कहा कि 1967 में बुधनी विधानसभा क्षेत्र में भी जनसंघ की विजय हुई और प्रदेश में उसकी जड़ें मजबूत होती गईं।
आपातकाल का विरोध करते हुए जनसंघ के कई नेता जेल गए। आपातकाल के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस हार गई और जनता पार्टी की जीत हुई। लेकिन कुछ दिनों के बाद जनसंघ ने जनता पार्टी से अलग होने का फैसला किया। यह तय किया गया भारतीय जनता पार्टी नाम से अलग दल बनाया जाए। वर्ष 1980 में भाजपा की स्थापना हुई और अटलबिहारी वाजपेयी इसके अध्यक्ष बने। उन्होंने कहा कि 1984 में भाजपा के सिर्फ दो लोकसभा सदस्य जीते। वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में हम दो सीटों से 86 सीटों पर पहुंच गए। हमारा संघर्ष जारी रहा और 1996 में वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, हमारा सपना साकार हुआ। लेकिन 2004 में हमारी सरकार नहीं बन पाई।
इसके बाद 2014 से फिर नरेंद्र मोदी युग शुरू हुआ। चौहान ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली भारत का निर्माण हो रहा है। राम मंदिर, धारा 370 को कांग्रेस के लोग चुनावी मुद्दे कहकर हंसी उड़ाते थे। लेकिन जब पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, तो ये काम भी हो गए। मोदी सरकार ने तीन तलाक समाप्त कर दिया। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्र सरकार ने किसान हित में तीन नए कानून बनाए हैं। एक-एक करके सभी पुराने मुद्दे खत्म होते जा रहे हैं और इससे यह साबित होता है कि भारतीय जनता पार्टी जो कहती है, वो करती है।
चौहान ने राज्य की मौजूदा सरकार की नीतियों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सरकार अपराधियों और ढोंगी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन्हें किसी कीमत पर नहीं छोड़ेगी। हमारी सरकार ने गौ कैबिनेट जैसी व्यवस्था की है और ‘लव जिहाद’ को लेकर कानून बना रहे हैं। ऐसी एक नहीं, अनेक नई पहल हमारी सरकार ने की हैं।
चौहान ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचे, इस काम में कार्यकर्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और प्रशिक्षण से उनकी क्षमताओं में और निखार आएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे, दीनदयाल समितियां हर पंचायत में बनें। कार्यकर्ता इस बात के लिए प्रयास करें कि भाजपा सर्वव्यापी हो, सर्वस्पर्शी हो।