भोपाल। प्रदेश में अब सरकार दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना में पति-पत्नी दोनों दिव्यांगों के विवाह किए जाने पर मिलने वाले अनुदान को दुगना करने जा रही है। अभी तक इसके लिए केवल एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलती है इसे दुगना करने की तैयारी है।
सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत एक दिव्यांग पुरुष या महिला के सामान्य पुरुष या महिला से विवाह करने पर तो दो लाख रुपए की विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाती है लेकिन विवाह करने वाले पुरुष और महिला दोनो ही दिव्यांग हो तो उन्हें केवल एक लाख रुपए विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जबकि पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हो तो परिवार के संचालन में और अधिक कठिनाई होती है। आजीविका में भी उन्हें काफी संघर्ष करना होता है जबकि विवाह करने वाले दम्पत्ति में से एक ठीक हो तो आजीविका चलाना आसान होता है। इसी लिए सामाजिक न्याय विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है कि यदि विवाह करने वाले पति-पत्नी दोनों ही दिव्यांग हो तो उन्हें विवाह प्रोत्साहन स्वरूप दी जाने वाली राशि बढ़ाकर एक लाख से दो लाख रुपए की जाए। अब शासन स्तर पर मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह और सीएम निकाह योजना में जो 51 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है। फिलहाल इस योजना में किसी भी प्रकार का कोई बंधन नहीं है। आयकरदाता और अमीर परिवार भी इसका लाभ उठा रहे हैं। बंधन नहीं होने के चलते कई जिलों से यह शिकायतें भी मिल रही है कि योजना का लाभ लेने के लिए दुबारा विवाह किया जा रहा है। उम्र का कोई बंधन नहीं है तो लोग बाद में भी इस योजना का लाभ ले रहे है। राजनीतिक दलों के नेताओं का भी दबाव रहता है कि उनके कार्यकर्ता है इसलिए योजना का लाभ दिया जाए। इसलिए अब आयकरदताओं और अमीरों को इस योजना से बाहर करने की तैयारी है। केवल गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को ही इस योजना का लाभ दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसे मंजूरी मिली तो सभी जरुरतमंदों को इसका लाभ मिल सकेगा और फर्जीवाड़े पर रोक लग सकेगी।