नई दिल्ली.  बिहार विधानसभा (Bihar Assembly Election Results 2020) के चुनाव में जीत के साथ नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक और इतिहास रचने वाले हैं. वो बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर सातवीं बार शपथ लेंगे. बिहार में आरजेडी को हटाकर सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले नीतीश कुमार ने सत्ता की बागडोर कभी अपने हाथ से फिसलने नहीं दी. नीतीश बहुमत के साथ भले ही 2005 में सीएम बने लेकिन इससे पहले साल 2000 में भी वो सीएम पद की शपथ ले चुके थे. हालांकि कुछ ही समय बाद बहुमत साबित न हो पाने का कारण उनकी सरकार गिर गई थी.

जब नीतीश ने दिया इस्तीफा, फिर ली शपथ
साल 2014 में लोकसभा चुनावों में हुई बुरी हार के बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया था. तब ये उनका नैतिक निर्णय माना गया था. वो अपनी पुरानी पार्टनर बीजेपी के साथ अलग हो चुके और लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था. नीतीश ने जीतनराम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन फिर 22 फरवरी 2015 को उन्होंने सीएम पद की चौथी बार शपथ ली.

2015 के विधानसभा चुनाव
उसी साल के आखिरी में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए. दशकों तक एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव एक हो गए थे. महागठबंधन के तहत दोनों ने मिलकर एनडीए के सामने चुनाव लड़ा. दोनों पार्टियों की ऐतिहासिक जीत हुई और नीतीश कुमार ने 5वीं बार 20 नवंबर 2015 को शपथ ली.

फिर आरजेडी से अलगाव
फिर तकरीबन दो साल बाद जब नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ राहें अलग की तो बीजेपी के साथ हो लिए. पुराने सहयोगी एक बार फिर साथ आ गए थे. लेकिन सीएम की कुर्सी पर नीतीश की पकड़ वैसी ही बनी रही. 27 जुलाई 2017 को उन्होंने छठी बार सीएम पद की शपथ ली. अब एक बार फिर चुनाव में एनडीए की जीत हुई. जेडीयू स्पष्ट तौर पर बीजेपी के सामने जूनियर पार्टनर बन चुकी है. लेकिन बीजेपी वादे पर कायम है. नीतीश कुमार सातवीं बार सीएम पद की शपथ लेते दिखाई देंगे.

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