भोपाल। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले विधायक न केवल समर्थकों बल्कि वोटरों को भी अपने साथ भाजपा में ले गए। उप चुनाव में बीजेपी को विधानसभा चुनाव के मुकाबले करीब 11 प्रतिशत अधिक वोट मिले हैं। उप चुनाव में आए नतीजों के बाद कांग्रेस और बीजेपी में संगठन स्तर पर बंदलाव के साथ कैबिनेट, निमग मंडलों में नियुक्तियों के साथ ही प्रशासनिक स्तर पर बदलाव और नई पदस्थापनाओं का सिलसिला शुरू होगा। जानकारी के मुताबिक कमलनाथ आज कांग्रेस की बैठक में पीसीसी चीफ के पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं।

उप चुनाव में भाजपा की जीत के बाद सरकार स्थायित्व की ओर बढ़ गई है। इसका असर मंत्रिमंडल से लेकर प्रशासनिक स्तर पर भी में देखने को मिलेगा। उप चुनाव में तीन मंत्री हार गए हैं, अब मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर निगम मंडलों में नियुक्तियां और मंत्रियों को प्रभार के जिले देने को लेकर चर्चा हो चुकी है।

छह माह की निर्धारित अवधि पूरी होने के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले तुलसी सिलावट और गोविंदसिंह राजपूत को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, इनके अलावा तीन मंत्रियों के लिए जिन वरिष्ठ विधायकों का नाम चर्चा में है उनमें विंध्य से राजेंद्र शुक्ला, गिरीश गौतम, महाकौशल से संजय पाठक, अजय विश्नोई, मालवा से नीना वर्मा और रमेश मैंदोला के नाम प्रमुख रूप से सामने आए हैं। चूंकि इमरती देवी चुनाव हार गई हैं और महिला एवं बाल विकास किसी महिला मंत्री को ही दिया जाता है, ऐसे में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्री मीना सिंह या ऊषा ठाकुर में से भी किसी एक को यह विभाग दिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उप चुनाव में जमकर मेहनत की है। दोनों नेताओं ने करीब 150 से ज्यादा सभाओं करके भाजपा की जीत सुनिश्चित की है।

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