इंदौर। टीवी सीरियल्स व वेब सीरीज की प्रोड्यूसर एकता कपूर के खिलाफ इंदौर के थाने में दर्ज एफआईआर निरस्त करने से हाई कोर्ट ने इनकार करते हुए एकता की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी है। उन पर वेब सीरीज में अश्लीलता परोसने आदि आरोप एफआईआर में है।
इस मामले में एकता कपूर की ओर से एफआईआर को रद्द करने के लिए धारा 482 याचिका लगी थी।
इंदौर हाई कोर्ट द्वारा प्रकरण में दशहरे के पूर्व फैसला सुरक्षित रख लिया था। प्रकरण में एकता कपूर की और से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा व आनन्द सोनी ने पक्ष रखा वंही शासन की और से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव व अनिरुद्ध गोखले व शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट भुवन गौतम ने तर्क रखे।
उल्लेखनीय है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी पर प्रसारित वेब सीरीज “ट्रिपल एक्स” के सीजन-2 को लेकर एकता कपूर के विरुद्ध इंदौर के अन्नपूर्णा थाने पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
एकता कपूर के खिलाफ यह एफआईआर वाल्मीक सकरगाये और नीरज याग्निक की शिकायत पर दर्ज की गयी थी।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि कपूर के स्थापित ओटीटी प्लेटफॉर्म ऑल्ट बालाजी पर प्रसारित वेब सीरीज “ट्रिपल एक्स” के सीजन-2 के जरिये समाज में अश्लीलता फैलायी गयी और एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत की गयीं। आरोप में कहा गया कि इस वेब सीरीज के एक दृश्य में भारतीय सेना की वर्दी को आपत्तिजनक तौर पर पेश करते हुए राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों का अपमान किया गया।
शिकायतकर्ता एडवोकेट वाल्मीकि सकरगाए ने बताया कि कोर्ट ने अपने फैसले में इनमे से ipc की धारा 298 और section 3 of state emblem of India Act का अपराध प्रथम दृष्टया नही पाए जाने से इन्हें एफआईआर में से कम करने के निर्देश दिए हैं जबकि 294 IPC और 67, 67 A of IT Act में पुलिस की जांच जारी रहेगी।