रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईएएस अधिकारी बीएल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें सोमवार की रात में हिरासत में लिया गया था। उन्हें मंगलवार को विशेष अदालत में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक कुमार वर्मा की कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पेश किया और कोर्ट ने दो दिन की रिमांड पर ईडी को सौंपा। इसके साथ ही साथ उनके भाईयों को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्हें रिमांड पर देने के लिए ईडी ने आवेदन लगाया था जिस पर कोर्ट ने भोजनावकाश के बाद सुनवाई करते हुए उसे स्वीकार कर लिया।

अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक (पीएमएलए) एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। उनके खिलाफ यह मामला 2010 में आयकर छापे के बाद से उनके खिलाफ आईटी, सीबीआई और ईडी में मामले चल रहे हैं। उनके द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति एकत्रित करने का आरोप है। इसके लिए अग्रवाल और परिजनों द्वारा किसान,मजदूरों के नाम पर बेनामी बैंक खाते खुलवाकर उनके जरिए राजधानी और आसपास जमीनें भी खरीदी गई थी।

उल्लेखनीय है कि 1988 बैच के आईएएस बाबूलाल अग्रवाल पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में 2010 में केस दर्ज किया था। जिसके बाद रिश्वत देने के मामले में 22 फरवरी 2017 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उस केस को खत्म कराने के लिए उन्होंने नोएडा और हैदराबाद के दो दलालों के माध्यम से पीएमओ को रिश्वत देने की कोशिश की थी, डील डेढ़ करोड़ में तय हुई थी जिसमें से 60 लाख नकद दिए जा चुके थे, बाकी रकम सोने के रूप में दी जानी थी। दिल्ली से रायपुर पहुंची सीबीआई की टीम ने उनके घर में छापा मारा था। जहां से सोना और नकद रुपए बरामद किए गए थे। गिरफ्तारी के बाद आईएएस बाबूलाल अग्रवाल 73 दिनों तक जेल में रहे। ईडी ने बाबूलाल अग्रवाल और उनके भाइयों की 36 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त की थी। उच्च शिक्षा विभाग में प्रमुख सचिव रहे बाबूलाल अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था।

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