इंदौर। कोरोना फैमिली के वायरस कोविड-19 ने केवल फेफड़ों पर ही हमला नहीं किया बल्कि शरीर के कई अंगों पर हमला किया है और लोगों में कई तरह की परेशानियां देखी जा रही है। कोविड-19 पॉजिटिव रह चुके लोग सरकारी रिपोर्ट में तो रिकवर हो गए हैं परंतु असल में कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इंदौर में कुछ लोग अंधे हो गए और कई लोगों को आंखों से संबंधित कई तरह की बीमारियां हो रही है।

नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. किशन वर्मा के अनुसार अचानक दिखाई नहीं देने या नजर के कमजोर होने की समस्या से ग्रसित हो अस्पताल आने वालों में से करीब 80% कोरोना संक्रमित रह चुके हैं। आंख का पानी (विट्रियस), आंख के आगे की पुतली (कार्निया) और रक्त संचार का आंख तक सही ढंग से नहीं होने के कारण आंखों की कार्यप्राणाली में अंतर आता है। इससे यह समस्या होती है। इससे दूर-पास के विजन में फोकस करने की समस्या हो रही है। नेत्र संबंधी ये समस्याएं 40 से 70 वर्ष तक की उम्र के लोगों को ज्यादा हो रही है।

नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. प्रणय सिंह बताते हैं कि बीते दिनों में कुछ मामले ऐसे आए जिन्हें 10 से लेकर 100 प्रतिशत तक दिखना बंद हो गया था और ये पूर्व में संक्रमित हुए लोग थे। कोरोना संक्रमण के दौरान थ्रोम्बोएम्बोलिस्म अर्थात रक्त के थक्के आंखों की नसों में जम जाते हैं और आंखों तक रक्त संचार नहीं हो पाता। यह समस्या उन्हें ज्यादा होने की आशंका रहती है जो कोरोना का उपचार पूरी तरह से नहीं करवाते।

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