भोपाल ! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष व सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने आयकर विभाग द्वारा जब्त डायरियों के हवाले से कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर एक भवन निर्माता (बिल्डर) से करोड़ों रुपये लिए जाने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चौहान ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि 30 मई 2008 को आयकर विभाग ने एक बिल्डर के यहां छापा मारा था जिसमें अन्य अभिलेखों के अलावा तीन डायरियां जब्त की गई थी जो बिल्डर के हाथ की लिखी हुई थी। जांच में बिल्डर ने स्वीकार किया है कि इन डायरियों में जो भी दर्ज है, वह सब उसके हाथ का लिखा है और पूरी तरह से प्रामाणिक है। यह व्यापारिक लेने देन है।
चौहान के अनुसार इन डायरियों में करोड़ों रुपये तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को देने का ब्यौरा है। इस ब्योरे को लेकर कहीं कोई संदेह की गुंजाइश नहीं है। ब्योरा वास्तविक है क्योंकि यह बात बिल्डर ने कबूल की है। प्रमाण के तौर पर बार-बार सीएम और एचसीएम की डायरियों में प्रविष्टियां है। यह सभी प्रविष्टियां अक्टूबर 2003 के पहले की है। इस दौरान निर्विवाद रूप से दिग्विजय सिंह ही मुख्यमंत्री थे।
चौहान का आरोप है कि दिग्विजय सिंह के भाई के नाम भी लेन देन की प्रविष्टियां हैं, जो गंभीर भ्रष्टाचार का सबूत है और इसे आयकर विभाग तथा अन्य संबंधित एजेंसियों को गंभीरता से अध्ययन व जांच कर कार्रवाई करना चाहिए।
चौहान ने पत्रकारों को वे दस्तावेज भी सौंप दिए जिनमें बिल्डर के बयान हैं तथा न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) द्वारा की गई कार्यवाही का उल्लेख किया गया है। उन्होंने एक आवेदन भी आयकर विभाग को सौंपा है।
चौहान ने ट्रिब्यूनल के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि उपलब्ध तथ्यों से स्पष्ट है कि प्रविष्टी के समय दिग्विजय सिंह ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उनको इन तथ्यों के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
चौहान ने पत्रकारों को आयकर विभाग की ट्रिब्यूनल खण्डपीठ इंदौर का निर्णय भी दस्तावेजों के साथ सौंपा। इन दस्तावेजों में भी पूर्व मुख्यमंत्री को दिए गए अवैध धन का उल्लेख है। उनका आरोप है कि यह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भ्रष्टाचार में संलिप्तता का प्रारंभिक और प्रामाणिक प्रमाण है। पार्टी जल्दी ही उनके अन्य मामले भी बेनकाब करेगी।

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