भोपाल ! मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में कांग्रेस ने जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शामिल होने का आरोप लगाया तो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने स्वाभावित रूप से आरोप को खारिज किया और विशेष जांच दल (एसआईटी) से कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने की मांग की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमार सिंह चौहान ने पार्टी के अन्य नेताओं के साथ एसआईटी के अध्यक्ष को शुक्रवार को ज्ञापन देकर कहा कि राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित होकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बेबुनियाद शिकायत की है और मिथ्या शपथपत्र प्रस्तुत किया है जो दंडनीय अपराध है। उन्होंने एसआईटी से इसका संज्ञान लेकर वैधानिक कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
चौहान ने ज्ञापन में कहा कि दिग्विजय सिंह ने शिकायत के साथ सबूत के तौर पर कथित मूल एक्सल शीट संलग्न की है, लेकिन इस अप्रमाणित एक्सेलशीट का स्रोत उन्होंने नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि किसी भी कम्प्यूटर से एक्सल शीट तैयार की जा सकती है।
भाजपा नेता ने दलील दी कि एसटीएफ ने विधिवत जब्त हार्डडिस्क से प्राप्त एक्सेलशीट के आधार पर उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच पूरी कर चालान पेश किया है।
चौहान के ज्ञापन में कहा गया है कि व्यापमं मामले में एफआईआर दर्ज होने के दो वर्ष गुजरने तथा उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में पेश तर्क और तथ्य खारिज कर दिए जाने के बाद दिग्विजय सिंह द्वारा शिकायत करना उनकी मंशा को स्पष्ट करता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने 15 मार्च तक सभी प्रकरणों में चालान पेश करने का निर्देश दिया है। दिग्विजय की मंशा चालान प्रस्तुत करने में विलंब कराना है।
ज्ञात हो कि दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों एसआईटी को शपथपत्र के साथ एक्सेलशीट और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपे हैं। कांग्रेस का दावा है कि एसटीएफ ने एक्सेलशीट में छेड़छाड़ कर मुख्यमंत्री का नाम हटाया है। इतना ही नहीं, इसके स्थान पर उमा भारती व राजभवन का जिक्र किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी भी देते आ रहे हैं।
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