भोपाल !  भोपाल में नवाबी शासन की शान हीरे की कुर्सी और सोने के 50 से ज्यादा गुंबद गायब हो गए हैं! रिकार्ड में तो यह नजर आ रहे हैं, लेकिन 65 सालों से इनको किसी ने नहीं देखा। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह वक्त ही बताएगा। दरअसल, सदर मंजिल के तहखाने में ये बेशकीमती चीजें रखे होने की खबर थी। लेकिन गुरुवार को जब तहखाने से सामान निकाला गया, तो सोने की जगह पीतल के गुंबद निकले। वह भी रिकार्ड मे नजर आ रही संख्या से काफी कम।
सूत्रों के अनुसार सदर मंजिल में स्थित नगर निगम के कार्यालय को दूसरी जगह विस्थापित करने की कार्यवाही के दौरान सामान का मिलान शुरू हुआ। इसी दौरान निगम के कोषालय के एक कर्मचारी ने नोटशीट लिखकर अधिकारियों को सूचना दी कि, सदर मंजिल के तहखाने में रखीं नवाबी काल के बेशकीमती चीजें नहीं मिल रहीं। इस बीच अचानक ऐसी चर्चाएं सामने आईं कि, भोपाल में नवाबी शासन की शान हीरे की कुर्सी और सोने के 50  से ज्यादा गुंबद सदर मंजिल में नगर निगम कोषालय के तहखानों में कई सालों से रखे हैं। लेकिन अब यह सामान किसी को मिल नहीं रहा है।
इस मामले में वरिष्ठों को अवगत कराया, तो हड़कंप मच गया। गुरुवार सुबह नगरनिगम प्रभारी कमिश्नर चंद्रमौली शुक्ला सिविल इंजीनियर एके नंदा, तहसीलदार, वित्त अधिकारी और के साथ  गए और तहखाने में जाने के लिए यहां लगी प्लाई को तोड़ा सामान निकालने लगे तो 65 साल से इतिहास की गर्त में समाए कलश धीरे-धीरे बाहर आने लगे। अभी तक यहां से 10 कलश निकले हैं और एक चांदी का हार और गिलास। निगम प्रशासन ने इन्हें बैंक में रखवा दिया गया है। लेकिन बाकी के 40 कलश कहां गए, इसका जवाब किसी के पास नहीं है । इस बेशकीमती सामान के गायब होने के मामले में आला अधिकारी भी चुप्पी साधे हैं।
दो करोड़ रुपए से नवीनकरण योजना थी
वर्ष 2011 में एक बड़ी योजना बनाई गई कि भोपाल को फ्रांस की तर्ज पर हेरिटेज सिटी बनाया जाएगा। इसमें कई ऐतिहासिक इमारतों को संरक्षित एवं उनका नवीनकरण होना था। सदर मंजिल के लिए तो 72 लाख रुपए खर्च करने की तैयारी भी कर ली गई थी। ेलोक निर्माण विभाग ने यह आंकलन तैयार किया था, लेकिन इसके पहले कि काम शुरू होता फाइल ही गुम हो गई। वहीं वर्ष 2013 में इसके लिए करीब दो करोड़ रुपए का नवीनकरण  योजना भी बनाई गई। इस काम को अंजाम देने के लिए तब टीम भी बनाई गई थी। लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी काम नहीं हुआ।

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