भोपाल। प्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव सम्पन्न होने के बाद प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनाव कराने की तैयारी है। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां तेज कर दी है। विधानसभा क्षेत्रों में तो हर एक हजार मतदाताओं पर एक मतदान केन्द्र बनाया गया है। लेकिन निकाय चुनावों में 750 मतदाताओं पर मतदान केन्द्र बनाए जाएंगे। निकाय चुनाव के बाद पंचायत चुनाव कराए जाएंगे।

राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों में कलेक्टरों को निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज करने के निर्देश दिए है। निकाय चुनावों में 28 विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले निकायों को छोड़कर सभी निकायों की मतदाता सूचियां तैयार कर ली गई है। विधानसभा उपचुनाव समाप्त होने के बाद इन क्षेत्रों में भी निकायों की मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जाएगा। पंद्रह दिन के भीतर यह कार्यवाही कराने की तैयारी है। इस बार निकाय चुनाव और पंचायत चुनावों में भी कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। सभी मतदान केन्द्रों पर सेनेटाईजर, मास्क, दस्ताने, थर्मल स्कैनर सहित अन्य इंतजाम किए जाएंगे।

निकाय चुनावों के लिए मतदान केन्द्रों की व्यवस्था करने के लिए सभी कलेक्टरों को कह दिया गया है। इस बार कोई भी मतदान केन्द्र पुलिस थाने, अस्पताल, मंदिर, मस्जिद और कोविड कंटेनमेंट क्षेत्र के भीतर नहीं बनाया जाएगा।

चुनावों से पहले ही नगरीय प्रशासन विभाग ने वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया शुरु कर दी है। भोपाल सहित कई महानगरों में वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। रतलाम जिले की पिरलोई , उन्हैल, छिंदवाड़ा, वारासिवनी, करेली, सिवनी में वार्ड आरक्षण हो चुका है।

प्रदेश के 408 नगरीय निकायों में चुनाव होंने है। इसमें सोलह नगर निगम, 98 नगर पालिका और 294 नगर परिषदों के चुनाव कराए जाने है। नगरीय निकायों के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। प्रदेश में 52 जिला पंचायत, 313 जनपद पंचायत, 23 हजार 922 पंचायतों में चुनाव कराए जाने है।नगरीय प्रशासन विभाग ने अध्यादेश के जरिए महापौर और अध्यक्ष सहित वार्ड पार्षदों के चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से कराए जाने के लिए संशोधन कर दिया है। इसके चलते सभी निकायों में इस बार पार्षद और अध्यक्ष या महापौर के लिए मतदान कराया जाएगा।

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