भोपाल। प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में लगभग डेढ़ हजार लोग अपनी दबंगई या बदमाशी के दम पर चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। उपचुनाव वाले जिलों से इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को यह जानकारी भेजी गई। दरअसल इनमें से अधिकांश ऐसे लोग हैं जो पूर्व में भी चुनाव या मतदान के दौरान गुंडागर्दी दिखा चुके हैं।
उपचुनाव में कोई गड़बड़ी न हो इसे लेकर पुलिस प्रशासन मुस्तैद है। पुलिस मुख्यालय ने जिन जिलों में उपचुनाव हो रहे हैं वहां के पुलिस अधीक्षकों से ऐसे लोगों की जानकारी मांगी थी, जिन्होंने पूर्व के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बदमाशी की हो और उनका पुराना पुलिस रिकॉर्ड भी हो। वहीं पुलिस मुख्यालय की स्पेशल ब्रांच भी ऐसे लोगों की जानकारी अपने संभाग के पुलिस अधीक्षकों के जरिए एकत्रित कर रही थी।
भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, गुना, अशोकनगर, सागर, छतरपुर, देवास, रायसेन, इंदौर, बुरहानुपर, धार, अनूपपुर, मंदसौर, राजगढ़, आगर, खंडवा के पुलिस अधीक्षकों ने इन लोगों की जानकारी भेजी है। पुलिस मुख्यालय आई जानकारी में उपचुनाव वाले क्षेत्रों में चुनाव की प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ी या बदमाशी करने की डिटेल्स भी भेजी गई है। अब पुलिस मुख्यालय ने ऐसे लोगों पर नजर रखने के निर्देश पुलिस अधीक्षकों को दिए हैं। गड़बड़ी करने पर उन्हें तुरंत हिरासत में लेकर कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मध्यप्रदेश सरकार को प्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनावों के लिए पर्याप्त केन्द्रीय पुलिस फोर्स नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते उसने बिहार सरकार द्वारा मांगी गई बीस कंपनियों की मदद देने से इंकार कर दिया है। उपचुनाव के लिए राज्य सरकार को पैरामिलेट्री फोर्स की दो सौ कंपनियों की जरूरत है। लेकिन केन्द्र सरकार केवल अस्सी कंपनियां ही दे रही है। ऐसे में मध्यप्रदेश की ओर से मांग की गई है कि कम से कम डेढ़ सौ कंपनियां इस चुनाव के लिए जरुरी होंगी। भारत निर्वाचन आयोग के उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने राज्य के अफसरों को आश्वस्त किया है कि जरूरत के मुताबिक डेढ़ सौ कंपनियां उपलब्ध कराई जाएंगी।
मध्यप्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों में कई मतदान केन्द्र संवेदनशील है। इसलिए ग्वालियर-चंबल संभाग में होने वाले चुनावों में मतदान प्रभावित होने की संभावना ज्यादा रहती है। मतदान केन्द्रों की सुरक्षा, आचार संहिता उल्लंघन को रोकने, मतदाताओं को प्रभावित करने की संभावनाओं को रोकने और भयमुक्त होकर मतदाता मतदान कर सके इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार के गृह मंत्रालय ने केन्द्र सरकार से दो सौ पैरामिलेट्री फोर्स मांगी थी। चूंकि बिहार में भी चुनाव हो रहे है इसलिए केन्द्र ने मध्यप्रदेश को केवल अस्सी कंपनियां ही देने की अनुमति प्रदान की है।