राजगढ़। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि वह घमंडी नेताओं में नहीं हैं, जो जनता को प्रणाम करने पर संकोच करें, जनता को वह अपना भगवान मानते हैं, इसलिए एक पुजारी के तौर पर जनता रूपी भगवान को दंडवत प्रणाम करना उनका धर्म है। चौहान ने जिले के ब्यावरा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद मीडिया द्वारा मंदसौर में जनता को दंडवत प्रणाम करने के संदर्भ पर चाही गयी प्रतिक्रिया में यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह हमारा संस्कार है।
उन्होंने कांग्रेस द्वारा नारियल रखकर चलने वाले बयान पर भी कांग्रेस से प्रतिप्रश्र किया कि नारियल नहीं तो क्या शराब रखकर चलना चाहिए, यह कांग्रेस बताए। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस ने किसानों को कर्ज माफी के नाम पर, आम जनता को विकास के झूठे वादों के आधार पर दिग्भ्रमित किया था। जनता ने स्वीकार भी किया कि हम गलतफहमी में आ गए, लेकिन पता चला कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया वह भी मरी हुई।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार परमात्मा के कोप और जनता की आह लगने से गिरी है। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के संदर्भ में कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनसे कहा था कि आ जाए सड़कों पर, अब वे आ गए है, तो कांग्रेस को दर्द क्यों हो रहा है।
चौहान ने कहा कि प्रदेश में सशक्त और देश में मजबूत प्रधानमंत्री वाली सरकार के माध्यम से मध्यप्रदेश को आगे ले जाना है, इसके लिए कार्यकर्ता जनता के द्वार-द्वार जाकर संपर्क करें। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कई कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर सांसद रोडमल नागर, भाजपा प्रत्याशी नारायण सिंह पंवार, जिला भाजपाध्यक्ष दिलबर यादव, जिले के विधायक, पूर्व विधायक सहित कई नेता, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे हैं।