लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती से कथित सामूहिक बलात्कार के बीच सकारात्मक बात यह कि योगी आदित्यनाथ के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में महिलाओं के साथ अपराध करने वाले पांच लोगों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया गया है और 193 आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं । संभवत: महिलाओं के साथ अपराध के मामले में इतनी कठोर कार्रवाई किसी अन्य सरकार में नहीं हुई । अपराधियों को सजा के आधिकारिक आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि योगी सरकार ऐसे अपराधियों को बख्शने को तैयार नहीं है ।
हाथरस में चले रहे ड्रामें के बीच साल 2017 में राज्य में योगी सरकार आने के बाद महिलाओं पर अत्याचार ,दुराचार के मामले 2016 में अखिलेश यादव की सरकार की तुलना में 2020 में 42 दशमलव 24 प्रतिशत कम हुये हैं । साल 2019 में राज्य में बलात्कार की जितनी घटना हुई थी ,उसकी तुलना में इस साल 27दशमलव 32 प्रतिशत की कमी आई है । आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार ने बालिकाओं के साथ हुई घटना में पाक्सो अदालत में मजबूत पैरवी की और अपराधियों को सजा दिलाई । पाक्सो के 721 मामलों में 193 को आजीवन कारावास मिल चुका है । शेष की कार्यवाही अदालत में है
महिला सुरक्षा के लिये देश के आठ शहरों में बने निर्भया फंड में एक शहर लखनऊ भी है । सरकार ने वूमन पावरलाइन 1090 को सक्रिय किया और सरकारी बालिका स्कूल में शिकायत पेटिका रखी जिसमें वो लड़कियां अपनी शिकायत दर्ज कर सकती हैं जो संकोच वश सार्वजनिक रूप से नहीं कर पाती हैं । लड़कियों के स्कूल के आस पास महिला पुलिस को सादी वर्दी में तैनात किया गया है जो सड़क छाप मजनूओं पर नजर रखेंगी । इन शिकायतों को पुलिस अधीक्षक देखेंगे और उनकी जिम्मेवारी तय होगी ।
योगी सरकार ने आते ही एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन किया था । राजधानी लखनऊ में रात में काम से लौटने वाली महिलाओं को पीआरबी 112 की टीम उनको घर तक पहुंचाती है । यह सुविधा सभी महिलाओं के लिये है । उत्तर प्रदेश में अपहरण और दहेज हत्या के मामले में कमी आई है । पुलिस के मुताबिक दहेज हत्या दस प्रतिशत से अधिक कम हो गयी है । पूर्व की सपा सरकार के 2016 में हुये अपहरण की तुलना में 2020 में 38 दशमलव 46 प्रतिशत की कमी हो गई ।