भोपाल ! प्रदेश का भाजपा संगठन अपने ही पार्टी के विधायक के बड़बोले पन से घिरती दिखाई दे रही है। आसमान छूते सदस्यता के लक्ष्य को पूरा करने में पूरी ताकत झोंक रही भाजपा को इस नये विवाद से दो-चार होना पड़ रहा है। महिदपुर जिला उज्जैन के विधायक बहादुर सिंह चौहान का एक ऑडियो एक सप्ताह पहले ही मीडिया में वायरल हुआ था। देखते ही देखते यह ऑडियो सूचना आदान-प्रदान के नये माध्यम वाट्सअप और फेस बुक में इतना प्रचारित होने लगा कि राजनैतिक गलियारों में इसकी जमकर चर्चा होने लगी। इस ऑडिया में विधायक श्री चौहान ने करोड़ों की रिश्वत लेने और भाजपा संगठन को चंदे के रूप में देने की बात सरेआम स्वीकार की है। बताया जाता है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद नंद कुमार सिंह चौहान ने इसे गंभीरता से लिया है। और इसकी पूरी रिर्पोट भी तलब की है।
इधर विधायक श्री चौहान ने इस ऑडियो को फर्जी बताकर अपना बचाव करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि खनिज, भू और बीज माफिया के खिलाफ उसने विधानसभा में महिदपुर में सक्रिय माफिया के कई मामला उठाएं है। इनके द्वारा ही षडय़ंत्र पूर्वक उनको फसाया जा रहा है। श्री चौहान ने इसे लेकर एक अपराधिक प्रकरण भी महिदपुर थाने में दर्ज कराया है। जिसमें भाजपा के नगर मंडल अध्यक्ष दिलीप नौलखा, कांगे्रस प्रत्याशी के रूप में 2013 में चुनाव लड़कर पराजित हुये दिनेश जैन और स्थानीय पत्रकार निर्भय सिंह भाटी को नामजद किया गया है। पार्टी के विधायक द्वारा अपने ही पार्टी के पदाधिकारी के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कराने से जिला भाजपा संगठन सकते में है। साथ ही मंत्री पारस जैन भी महिदपुर के भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष के बचाव में सामने आ गये है। बताया जाता है उन्होंने ही पूरा मामला प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के संज्ञान में लाकर मामले के पटाक्षेप की कवायद शुरू की है।
कहां है कांगे्रस का शेडो कैबिनेट: प्रदेश में कांगे्रस का शेडो केबिनेट कहां है? और क्या कर रहा है? यह कहीं भी देखने सुनने को नहीं मिल रहा है। संभवत: यही कारण है कि भाजपा सरकार के मंत्री अपनी रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे है और शेडो केबिनेट के स्थान पर प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष अरुण यादव ने खुद सामने आकर मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड पर पार्टी की राय रख रहे है। रविवार को जब वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने अपना रिपोर्ट कार्ड प्रेस को जारी किया तो अरुण यादव ने प्रदेश कांगे्रस कार्यालय में इस रिपोर्ट को सत्य से परे बताकर इसकी आलोचना की। सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा की रिपोर्ट कार्ड आने के बाद उन्होंने पत्रकार वार्ता कर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बद से बदत्तर बताते हुये कई तर्क और दस्तावेज प्रस्तुत किये।
शेडो केबिनेट (प्रतिछाया मंत्रिमंडल) की परंपरा प्रदेश में तब शुरु हुई जब जनता पार्टी के शासन काल में कांगे्रस नेता अर्जुन सिंह नेता प्रतिपक्ष रहे और उन्होंने सकलेचा, जोशी और पटवा के कार्यकाल में बने प्रदेश के प्रत्येक मंत्री के पीछे कांगे्रस के एक-एक विधायक को लगाया और उनके कार्यों की निगरानी रखने को कहा। बाद में इसी परंपरा को उनके पुत्र राहुल सिंह ने भी आगे बढ़ाया। इस बार भी नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने प्रतिछाया मंत्रिमंडल का गठन किया है और अपने दल के वरिष्ठ विधायकों को प्रत्येक मंत्री के कार्यों, उपलब्धियों, कमियों पर नजर रखने को कहा है। वर्तमान में श्री कटारे स्वास्थ्य लाभ ले रहे है। ऐसी दशा में यह पता नहीं चल पाया कि क्या अभी तक इस शेडो मंत्रिमंडल के कार्यों की कोई समीक्षा हुई है। आज जब प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह के निर्देश पर प्रत्येक मंत्री अपने 1 साल के कार्यों का रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे है तो इसकी आलोचना के लिये प्रदेश कांगे्रस के मुखिया को सामने आना पड़ रहा है।

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