ग्वालियर। शहर में तेजी से बढ़ रही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सामने आने के बाद मरीजों को सरकारी क्या निजी अस्पतालों में भर्ती होने के लिए बेड तक उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में तीस फीसदी कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे हैं। होम आइसोलेशन के दौरान यदि किसी संक्रमित मरीज की मौत हो जाती है तो कोरोना संक्रमित मरीज के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी प्रशासन व स्वास्थ्य अमले की है। इसके लिए प्रशासन ने कोरोना संक्रमित मरीज के शव को घर से शवदाह गृह तक पहुंचाने व अंतिम संस्कार करने के लिए एक नोडल एजेंसी अधिकृत की है।

शहर के कई निजी अस्पताल में सेंट्रल ऑक्सीजन, वेंटीलेटर की सुविधा नहीं होने के कारण सरकारी अस्पतालों में मरीजों के अधिक संख्या में पहुंचने के कारण बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने की अनुमति जिला प्रशासन व सीएचएमओ द्वारा दी जा रही है।

आइसोलेशन के दौरान किसी मरीज की मौत होने पर परिजन को संबंधित इंसीडेंट कमांडर के साथ ही कोविड के लिए अधिकृत जेएएच की नोडल अधिकारी डॉ.नीलिमा सिंह हो सूचना देनी होगी। सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंतिम संस्कार के लिए अधिकृत नोडल अधिकारी के कर्मचारी मौके पर पहुंचकर शव को लेकर पीएम हाउस में पैकिेंग के लिए पहुंचते है और उसके बाद परिजनों की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार लक्ष्मीगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह में पूरी तरह से नि:शुल्क किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *