ग्वालियर। भिण्ड-ग्वालियर राष्ट्रीय मार्ग क्रमांक 92 पर स्थित औद्यौगिक क्षेत्र मालनपुर में हॉटलाइन फैक्ट्री के पास झाडियों में मरने के लिए फेंकी गई एक 6 माह की बच्ची के माता-पिता की पुलिस ने पहचान कर उसके पिता को कल गिरतार कर लिया है। 6 माह की मासूम बालिका को 22 सितम्बर की रात्रि को एक कपडे में बांधकर फेंका गया था। 23 सितम्बर की सुवह जब मालनपुर निवासी राजू खान व शिवकुमार खाना बनाने के लिए झाडियों में लकडी बीनने आए थे जहां एक बालिका को जीवित अवस्था में पडा देखा जिसकी सुचना पुलिस को दी गई थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बालिका को अपने कब्जे में लिया, बच्ची के शरीर में कीडे पड गए थे। बच्ची को भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय में मेटरनिटी वार्ड में रखा गया। इलाज के बाद ठीक हो जाने पर उसे लहार के एक अनाथालय में रखा गया है।
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अमरनाथ वर्मा ने बताया कि लावारिस अवस्था में मिली 6 माह की बच्ची को उपचार के लिए भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती कराने के बाद पुलिस ने उसके अज्ञात माता-पिता के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसकी खोजबीन की गई। पुलिस को मुखबिर के जहरए यह जानकारी मिली कि ग्वालियर के मुरार निवासी रमेश शर्मा 35 वर्ष ने बच्ची से छुटकारा पाने के लिए उसे घर से डॉक्टर को दिखाने के बहाने लाया और मालनपुर में झाडियों में फेंक गया। पुलिस ने 20 दिन में बच्ची के पिता का पता लगाकर उसे गिरतार कर लिया है। अच्ची अभी लहार अनाथालय में ह ैअब कागजी कार्यवाही पूरी कर बच्ची को उसकी मॉं के सुपुर्द कर दिया जायंगा।
मासूम बच्ची को मरने के लिए फेंकने वाले पिता रमेश शर्मा ने गिरतारी के बाद बताया कि उसके चार संतानें थी। वह मजदूरी करता है वह इतने पैसे नहीं कमा पाता जिससे वह अपने परिवार व बच्चों का भरण-पोषण कर सके। उसका सबसे बडा पुत्र राहुल जिसे वह दो वर्ष पहले ग्वालियर के मुरार थाने में यह कहकर छोड आया था कि वह लावारिस घूमता मिला है। पुलिस ने उसकी बात सही मान ली और राहुल को ग्वालियर के रमौआ अनाथालय में भेज दिया था। आज भी वह अनाथालय में रह रहा है। भरापूरा परिवार होने के बाद भी राहुल लावारिस जीवन जी रहा है। दूसरे नम्बर का पुत्र सूरज है वह 5 वर्ष का है। तीसरी पुत्री लक्ष्मी 3 वर्ष की तथा चौथी पुत्री नैन्सी 6 माह की है। नैन्सी को नाले में फेंक आया था लेकिन वह जीवित बच गई। रमेश शर्मा की पत्नी श्रीमती रुपा इन दिनों गर्भवती है।
आरोपी रमेश शर्मा को अपनी बच्ची को मरने के लिए फेंकने पर जरा भी अफसोस या आत्म ग्लानि नहीं हैं।