इंदौर ! मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने आज यहां मध्यप्रदेश के विकास में लघु एवं कुटीर उद्योगों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उद्योग प्रदेश की रीढ़ हैं और हम इन उद्योगों को जाल बिछाना चाहते हैं। चौहान ने यहां ग्लोबल इन्वेस्टसर्मिट में अपने संबोधन में कहा कि पिछले वर्ष मध्यप्रदेश में एक लाख लघु एवं कुटीर उद्योग खड़े किए गए जिसमें सवा दो लाख युवाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने समिट में आए उद्योगपतियों से अपील की है कि वे यहां नि: संकोच अपनी पूजी निवेश करें उनकी पूंजी को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि के अलावा उद्योग का भी जाल बिछाया जाएगा इससे प्रदेश आने वाले समय में देश ही नहीं बल्कि दुनिया में नंबर एक राज्य बन जाएगा। उन्होंने प्रदेश के युवाओं से कहा कि वे रोजगार मांगने की जगह दूसरों को रोजगार देने के लिए लघु एवं कुटीर उद्योग लगाए और उनके इस प्रयास में राज्य सरकार उनकी मदद करेगी। चौहान ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने प्रदेश में अपनी सत्ता संभाली थी उस समय न तो पानी था और नहीं बिजली लेकिन भाजपा सरकार के प्रयास से आज प्रदेश में सड़क पानी बिजली की समस्या से मुक्त हो गया है। बीते कुछ सालों में प्रदेश में एक लाख किलोमीटर सड़के बनाई गई है और तीन हजार मेगावाट की जगह 14 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगले चार सालों में प्रदेश में 18 हजार मेगावाट बिजली बनेगी जिससे प्रदेश ऊर्जा स्टेट बन जाएगा। उन्होंने कहा कि हम तेजी से सोलर और बिंड से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में भी आगे बढ रहे हैं। उन्होंने इस मौके पर लघु एवं कुटीर उद्योग के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा करते हुए कहा कि व्याज अनुदान की राशि को बढ़ाकर 35 लाख तक किया जाएगा अपात्र उद्योगो की स्थापना को 52 से घटाकर 19 किया जाएगा चौहान ने कहा कि अब ओद्यौगिक रुप से पिछड़े जिले को नहीं बल्कि ब्लाक को इकाई माना जाएगा और ऐसे ब्लाकों में उद्योग स्थापित करने के लिए विशेष रियायतें दी जाएगी तथा लाइसेंस की समय सीमा को कम से कम पांच वर्ष और अधिकतम 15 वर्ष तक किया जाएगा ताकि इसे प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण कराने की आवश्यकता नहीं पड़े। चौहान ने अपने अध्यक्षता में लघु उद्योग एवं संवर्धन वोर्ड के गठन की घोषणा करते हुए कहा कि इसके द्वारा लघु व कुटीर उद्योगों के समस्या का त्वरित निराकरण किया जाएगा। इसके अलावा सरकार लघु एवं कुटीर उद्योग के उत्पाद के विपणन में मदद करेंगी ताकि निर्यात में इसकी मात्रा को बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब वेट की प्रतिपूर्ति के रुप में जमा की गई राशि का 75 फीसदी हिस्सा तत्काल वापस कर दिया जाएगा तथा शेष राशि को कर निर्धारण के बाद वापस कर दिया जाएगा। मिश्र ने कहा कि मध्यप्रदेश में आज औद्योगिक विकास के अनुकूल वातावरण उपलब्ध है। प्रदेश में उपलब्ध औद्योगिक संकुलों की उपस्थिति और आधारभूत अधोसंरचना से प्रदेश की प्रगति और सूक्ष्म उद्योगों के विकास के स्वर्णिम अवसर बने हैं। बड़े और छोटे उद्योगों को परस्पर आगे बढऩे के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा भूमि बेंक बनाने की पहल की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में उत्पादन का रिकार्ड बनाया है। अब मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास दर में भी रिकॉर्ड बनाएगा। उद्योग और कृषि दोनों क्षेत्र का समान विकास होगा। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म और लघु उद्योग से जुड़े उद्यमियों को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पूरा संरक्षण समर्थन और सुरक्षा दी जाएगी। मिश्र ने बताया कि देश में सूक्ष्म और लघु उद्योगों का भारत के औद्योगिक विकास में 8 प्रतिशत का योगदान है। इसमें से 45 प्रतिशत निर्माण क्षेत्र में और 40 प्रतिशत निर्यात क्षेत्र में है। इस समय देश में 3 करोड़ 60 लाख इकाइयां हैं।