भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अतिवर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान के कारण किसान चिंतित नहीं हों। सरकार एक्शन में है और उनके साथ है। फसल बीमा योजना और आरबीसी के प्रावधानों को मिलाकर नुकसान की भरपाई की हरसंभव व्यवस्था कर पुनर्वास के सभी प्रयास होंगे। प्रदेश के 14 जिलों में लगभग 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं। अब अधिकांश जगह जलस्तर कम हो रहा है, स्थिति नियंत्रण में है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत शिविर में भोजन, पेयजल आदि की व्यवस्था की गई है। राज्य की स्थिति से केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत करवाया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में फसल खराब होने के साथ-साथ साफ-सफाई और बीमारी फैलने के खतरे से बचाव की व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल और बिजली आपूर्ति पुन: स्थापित करना सबसे बड़ी चुनौती है। इस कार्य में प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ लगा है। मंत्रीगण को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सिवनी में पुल टूटने के कारणों की जाँच कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने बाढ़ राहत में जुटी सभी एजेंसियों जैसे जिला प्रशासन, सेना, वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ को संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद के लिए तत्काल सक्रिय होने पर धन्यवाद दिया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वायुसेना के पांच हेलीकाप्टर द्वारा 264 लोगों को एअरलिफ्ट किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने विपरीत मौसम में घने बादलों के बीच हेलीकाफ्टर से बचाव कार्य के लिए पायलट आदर्श और संजय श्रीवास्तव को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री चौहान ने सेना के ग्रुप कमांडर तथा सभी पांच पायलेट को भी धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के जेईई मेन और नीट-2020 परीक्षा में सम्मिलित हो रहे विद्यार्थियों को नि:शुल्क परिवहन साधन उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। विद्यार्थियों को कोरोना के कारण समस्या का सामना न करना पड़े इस उद्देश्य से यह व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों को यह सुविधा प्राप्त करने के लिए अपने गाँव/शहर से विकासखंड अथवा जिला मुख्यालय तक आना होगा। यहाँ से परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने के लिए परिवहन सुविधा जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।

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