नई दिल्ली. मोदी सरकार अब भ्रष्ट और अयोग्य सरकारी कर्मचारियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर मोदी सरकार ने ऐसे सरकारी कर्मचारियों की पहचान करने के निर्देश भी दे दिए हैं. साथ ही मोदी सरकार भ्रष्ट और अयोग्य कर्मचारियों को रिटायर करने पर भी जोर दे रही है.

केंद्र की मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की जांच करने वाली है. इसके लिए सरकार ने दिशा-निर्देश भी दे दिए हैं. इसके तहत अक्षमता और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की जाएगी. वहीं जो लोग भ्रष्ट, अयोग्य पाए जाते हैं, उन्हें सेवानिवृत्त होने के लिए कहा जाएगा. इसको लेकर एक रजिस्टर भी तैयार करने के लिए कहा गया है.

केंद्र सरकार ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत केंद्र सरकार ने सरकारी सेवा में 30 साल पूरे कर चुके या 50-55 साल की उम्र के कर्मचारियों की सेवा रिकॉर्ड की जांच करने के लिए कहा है. केंद्र सरकार ने कहा है कि 30 साल पूरे कर चुके या 50-55 साल की उम्र के सरकारी कर्मचारियों की सर्विस रिकॉर्ड में अक्षमता और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच हो.

केंद्र सरकार का कहना है कि सर्विस रिकॉर्ड जांच के बाद तय किया जाएगा कि वो सही से काम कर रहे हैं या उन्हें लोकहित में समय से पहले रिटायर किया जाए. वहीं कार्मिक मंत्रालय ने सभी सचिवों से कहा कि इसके लिए एक रजिस्टर तैयार करे, जिसमें यह सारी जानकारी दर्ज की जाए.

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