भोपाल. कांग्रेस में मचे घमासान और कल दिल्ली में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में तनातनी के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का बयान आया है. उन्होंने कहा बैठक की बातें लीक हो रही थीं, यह चौंकाने वाला है, ऐसा नहीं होना चाहिए था.
दिग्विजय सिंह ने कहा राहुल गांधी ने बैठक में क्या कहा हम नहीं जानते हैं. पत्र में क्या लिखा था वो भी नहीं पता है. मगर यह सब मीडिया में नहीं आना चाहिए. दिग्विजय सिंह ने पत्र लिखने वालों को इशारों में सलाह देते हुए कहा कि पहले इस बारे में पार्टी नेतृत्व से चर्चा करनी चाहिए थी. इनमें से कई तो CWC के सदस्य भी हैं, फिर पत्र क्यों लिखा.
क्या पत्र लिखने वालों पर कर्रवाई होना चाहिए, इसका जवाब देने से बचते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा पार्टी का सदस्य होने के नाते वो इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं.दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की फिर वकालत करते हुए कहा मेरी शिकायत है 2019 में पद छोड़ना ही नहीं चाहिए था, क्योंकि वो देश में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक चुनौती के रूप के स्थापित हो गए थे. धीरे धीरे मोदी और राहुल गांधी के बीच का अंतर खत्म हो रहा था.
गुलाम नबी आजाद के घर हुई नेताओं की बैठक पर भी बोलने से बचते हए दिग्विजय सिंह ने कहा मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मीडिया में जो कुछ आता है वो सब सही नहीं होता है.पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत है सब मिलकर देश की समस्याओं को हल करने का प्रयास करें. केंद्र सरकार की ग़लत नीतियों का डटकर मुकाबला करें.
चंबल क्षेत्र से 76 हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने के बीजेपी के दावे पर दिग्विजय सिंह हंसे. उन्होंने पलटकर सवाल किया, क्या भाजपा के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं का रिकॉर्ड है. बीजेपी उन 76 हजार कार्यकर्ताओं के नाम की सूची तो जारी करे.दिग्विजय सिंह ने कहा-भाजपा के लोगों को ही शामिल किया गया है. विधायक मुन्ना लाल गोयल ने जो सूची जारी की है, उसमें वो लोग हैं जो वहीं पर ही मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे.
उन्होंने कहा भाजपा के पास अटूट पैसा है. वो लोकतंत्र की हत्या कर रही है. दिग्विजय सिंह ने दावा करते हुए कहा कि उप चुनाव भाजपा के लिए जीतना मुश्किल है. भाजपा क्या पैसा जनता में बांट देगी. कम से कम भाजपा अपने कार्यकर्ताओं में ही पैसा बांट दे जिन्होंने उसे जिताया था.