मुरैना। शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं में अधिकारी गति लायें। योजनाओं के कार्यो में मैं किसी तरह का समझौता नहीं करूंगा। भले ही वो अधिकारी मेरे साथ पहले क्यों न कार्य कर चुका हो, सबके साथ एक जैसी कार्रवाही होगी। यह निर्देश नवागत कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने टीएल बैठक के दौरान कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मुरैना में मंगलवार को समस्त अधिकारियों को दिये। बैठक में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा के दौरान पिछले सप्ताह पोर्टल पर अवलोकन नहीं करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तरूण भटनागर, अपर कलेक्टर श्री एसके मिश्रा, नगर निगम कमिश्नर श्री अमरसत्य गुप्ता, समस्त एसडीएम, समस्त जनपद सीईओ, समस्त सीएमओ सहित जे.एस.ओ. उपस्थित थे।
नवागत कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने कहा कि अधिकारी सीएम हेल्पलाइन को तब्ज्जो नहीं दें रहे है, इस बैठक में कई ऐसे अधिकारी जिन्होंने पिछले सप्ताह सीएम हेल्पलाइन को खोलकर नहीं देखा है या उन्होंने सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को कम करने की कार्रवाही नहीं की है। इन अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाये। इस प्रकार की पुर्नावृत्ति आगे देखने को मिली तो ऐसे अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाही होगी और वह कार्रवाही निलंबन से कम नहीं होगी। श्री वर्मा ने इस पर चार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये है। जिसमें जिला आपूर्ति नियंत्रक श्री भीम सिंह तोमर, सीएमओ कैलारस श्री अमजद गनी, सीएमओ सबलगढ़ श्री महेन्द्र गर्ग, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कैलारस श्री संजीव शर्मा के नाम शामिल है।
कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने कहा कि नवीन पात्रता पर्ची एवं आधार सीडिंग का कार्य प्रदेश स्तर से चल रहा है। जिसमें पोर्टल पर नवीन परिवार की पात्रता पर्ची की स्वीकृति एवं राशन प्राप्त कर रहे परिवारों में नये सदस्यों की स्वीकृति की स्थानीय निकायवार प्रगति संतोषजनक नहीं है। इसमें जिले में प्राप्त लक्ष्य 1 लाख 67 हजार 251 में से मात्र 35 प्रतिशत कार्य नगरीय निकाय एवं जनपदों में किया गया है। जिसमें नगर परिषद कैलारस में 66 प्रतिशत, जनपद पंचायत कैलारस में 56 प्रतिशत, जनपद पंचायत जौरा में 54 प्रतिशत, नगर पालिका पोरसा में 41 प्रतिशत, जनपद पंचायत पोरसा में 39 प्रतिशत, नगर पालिका अंबाह में 38 प्रतिशत, जनपद पंचायत अंबाह में 31 प्रतिशत, नगर निगम मुरैना में 21 प्रतिशत, जनपद पंचायत मुरैना में 42 प्रतिशत, जनपद पंचायत सबलगढ़ में 14 प्रतिशत, जनपद पंचायत पहाडगढ़ में 25 प्रतिशत, नगर पालिका सबलगढ़ में 12 प्रतिशत, नगर परिषद झुण्डपुरा में 3 प्रतिशत, नगर परिषद जौरा में 2 प्रतिशत और नगर परिषद बानमौर में 14 प्रतिशत तक ही फीडिंग कार्य किया है। यह स्थिति बेहद चिन्ताजनक है।
समय-सीमा तक यह कार्य आॅनलाइन नहीं हुआ तो लोग राशन से वंचित हो सकते है। इसके जिम्मेदार अधिकारी होंगे। इस कार्य के लिये दो दिवस के अंदर सभी नगरीय निकाय एवं सीएमओ करायें। भले ही इसके लिये अतिरिक्त कम्प्यूटर आॅपरेटर लगाये, किन्तु यह कार्य दो दिवस के अंदर होना चाहिये। मैं किसी कार्य के बारे में एक बार ही बोलूंगा। बार-बार बोलने की आदत नहीं, दूसरी बार बोलूंगा तो सीधे कार्रवाही होगी। कलेक्टर ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन को कोई भी अधिकारी फोर्सली क्लोज नहीं करायेगा। ये कोई समस्या का हल नहीं है। यही शिकायतें बार-बार लौटकर पुनः आती है।
कलेक्टर श्री वर्मा ने टीएल पत्रों की समीक्षा की। जिसमें कई विभागों द्वारा 7-8 माह तक आवेदनों का निराकरण नहीं किया है। पोर्टल पर इस प्रकार की शिकायतें लगातार दिख रहीं है। कलेक्टर ने कहा कि टाइम लिमिट के पत्रों की म्याद 7 दिन अधिक से अधिक 14 दिन तक निराकरण करने की होती है। इसके बाद अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आवेदक अन्य सीएम हेल्पलाइन जैसी पोर्टल पर शिकायत करता है। अभी इस समय समाधान आॅनलाइन नहीं चल रही है। समाधान आॅनलाइन में अक्सर इसी प्रकार के आवेदनों को उठाकर समीक्षा होती है जिसमें अधिकारियों के साथ-साथ जिले की भी बदनामी होती है।