भोपाल। मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल सहित अधिकतर स्थानों पर दो दिन से हो रही बारिश से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। लगातार हो रही इस बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं, जिसके चलते बाढ के हालात निर्मित हो गए हैं। राजधानी में दस वर्ष बाद ऐसी बारिश हुयी है। मौसम विज्ञान केन्द्र भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक पी के साहा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र मध्यप्रदेश पहुंच गया है, जिसके चलते पिछले दो दिनों से बारिश का सिलसिला जारी है। इसका सबसे ज्यादा असर राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में देखने को मिला, जहां मूसलाधार बारिश से निचली बस्तियां जलमग्न हो गयी तथा कुछ जगहों में बाढ के हालात बने हुए हैं। 

राजधानी भोपाल में कल से जारी तेज बारिश का दौर आज दिन भर जारी रहा। लगातार हो रही बारिश के चलते निचली  बस्तियों में जल भराव की स्थिति निर्मित हो गयी। लोगों के घरों में बारिश का पानी भर गया, जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। वहीं, राजधानी कोलार क्षेत्र के छान गांव में बाढ में फंसे एक व्यक्ति और उसके बच्चे और जानवरों को नदी के बीच से निकाला लिया गया। बारिश के मद्देनजर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और शहर के निचले इलाकों में अमले की तैनाती के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा इंदौर में भी बारिश का क्रम पिछले चौबीस घंटे से जारी है। इस दौरान 10 इंच यानी 250 मिलीमीटर से अधिक वर्षा रिकार्ड की गयी है। वहीं, झाबुआ में दो दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते जन जीवन अस्त व्यस्त होने लगा है, जिले की पम्पावती, पदमावती, नौगांवा, माही आदि नदियां पूरे उफान पर बह रही हैं। राजधानी भोपाल से सटे सीहोर में भी बारिश के आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। वैज्ञानिक डॉ साहा ने बताया कि अगले चौबीस घंटों के दौरान पश्चिमी मध्यप्रदेश के खरगोन, अलीराजपुर, झाबुआ, धार और रतलाम में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है, जहां तेज हवाओं के साथ अत्यधिक वर्षा या गरज चमक के साथ बिजली चमकने या गिरने की चेतावनी जारी की गयी है। वहीं बुनहानपुर, बड़वानी, इंदौर, उज्जैन, देवास, नीमच, आगरमालवा तथा आसपास के कुछ और इलाकों में अति भारी बारिश की चेतावनी है। 

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