भोपाल। मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि म.प्र. सरकार बालकों के विरूद्ध हो रहे लैंगिक शोषण के अपराधियों को नहीं बख्शेगी। वे म.प्र. लोक अभियोजन द्वारा भोपाल द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में ‘’पॉक्सो एक्ट – अनुसंधान एवं विचारण’’ विषय पर लिखी गई पुस्तक का विमोचन गृहमंत्री मिश्रा द्वारा किया गया।
यह पुस्तक लोक अभियोजन म.प्र. के महानिदेशक पुरूषोत्तम शर्मा एवं रतलाम की एडीपीओ व म.प्र. राज्य समन्वयक पॉक्सो एक्ट सुश्री सीमा शर्मा द्वारा लेख की गई है। कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग म.प्र. शासन डॉ. राजेश कुमार राजोरा, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी लोक अभियोजन सुश्री मौसमी तिवारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर सुश्री तिवारी ने बताया कि अधिनियम के अनुसंधान एवं अभियोजन की संपूर्ण प्रक्रिया को समाहित कर लॉकडाउन के दौरान लेखक द्वय द्वारा यह पुस्तक समस्त विधि जगत को एक नई दिशा व चेतना प्रदान करेगी।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव, म.प्र. गृह विभाग डॉ. राजेश कुमार राजोरा ने कहां कि बच्चे हमारे देश का भविष्य है इसलिए उनकी सुरक्षा और विकास सरकार और समाज दोनेां की जिम्मेदारी है।
महानिदेशक शर्मा ने ‘’पाक्सो एक्ट – अनुसंधान एवं विचारण ‘’ पुस्तक के विषय में बताते हुए कहां कि बच्चों पर हो रहे लैंगिक अत्याचारों की घटनाएं मुझे कचोट रही थी और यही इस पुस्तक को मूर्त रूप देने की प्रेरणा बनी।
यह पुस्तक दो महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित है। प्रथम बच्चों के विरूद्ध होने वाले लैंगिक अपराधों के संबंध में विधिक प्रावधानों, प्रक्रिया और उनके अनुपालन के संबंध में उल्लेख करता है तथा द्वितीय, अन्वेषण और विचारण के लिए एक संक्षिप्त मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने से संबंधित है।
साथ ही यह पुस्तक कई अध्यायों मे विभाजित है जिसमें कुछ अध्याय अन्वेषण एजेंसी के लिए उपयोगी है, एक अध्याय चिकित्सक समुदाय के लिए, कुछ अध्याय चिकित्सक बालकों के कल्याण और काउंसलिंग संस्थाओं के लिए और कुछ अध्याय अभियोजक अधिकारियों के लिए उपयोगी रहेंगे।
पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम के अवसर पर जिला अभियोजन अधिकारी भोपाल राजेन्द्र उपाध्याय, सहायक संचालक अमित शुक्ला, उदयभान रघुवंशी, लोकेन्द्र द्विवेदी, मीडिया सेल प्रभारी भोपाल मनोज त्रिपाठी एडीपीओ श्री बिहारी सिंह बघेल प्रमुख रूप से उपस्थित रहें।