भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना काल में स्कूल बंद हैं तथा आगे कब खुलेंगे यह अभी बताया नहीं जा सकता। सरकार द्वारा बच्चों की पढ़ाई की ऑनलाइन तथा रेडियो कार्यक्रमों आदि के माध्यम से व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के मध्यान्ह भोजन के लिए उनके घर पर ही खाद्यान्न पहुंचाया जा रहा है तथा खाद्य सुरक्षा भत्ते की राशि भी उनके खातों में भिजवाई जा रही है। बच्चे खूब पढ़े, आगे बढ़े, खुश रहें।
मुख्यमंत्री चौहान आज प्रदेश के 1 से 8 कक्षा के विद्यार्थियों एवं मध्यान्ह भोजन के रसोईयों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने कक्षा 01 से 8वीं तक के 56 लाख 80 हजार बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ते की 137 करोड़ 66 लाख की राशि तथा मध्यान्ह भोजन के 2 लाख 10 हजार रसोईयों को 42 करोड़ रूपये की राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव, राज्य समन्वयक दिलीप कुमार आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं, परन्तु इस दौरान घर पर ही पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। शिक्षा विभाग द्वारा वाट्स एप ग्रुप्स के माध्यम से रोज शैक्षणिक सामग्री भिजवाई जा रही है। इसके अलावा प्रतिदिन आकाशवाणी, वन्या पर रेडियो स्कूल कार्यक्रम सुबह 11 से 12 बजे तक सोमवार से शुक्रवार तक आता है। आगामी 1 सितम्बर से 6 से 8वीं के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यपुस्तक आधारित शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारित किया जाएगा। बच्चे इनका पूरा लाभ लें व घर बैठे ही पढ़ाई करें।
मुख्यमंत्री चौहान ने बच्चों को एकलव्य भील बालक की कहानी सुनाते हुए कहा कि एकलव्य पढ़ाई करने गुरूकुल नहीं जा सका तो उसने अपने गुरू की मिट्टी की मूर्ति बनाकर धनुष विद्या का अभ्यास किया और श्रेष्ठ धनुर्धर बन गया। इसी प्रकार आप भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं तो क्या हुआ, घर पर बैठकर ही एकाग्रता से अध्ययन करो, आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। पाठ्य सामग्री आपके पास ऑनलाइन पहुंचाई जा रही है। साथ ही मोबाइल पर शिक्षकगण आपके प्रश्नों के उत्तर भी देंगे।
मुख्यमंत्री चौहान को विसदपुर-मुरैना की कक्षा 7वीं की छात्रा तानिया, गरडावद-धार के 7वीं कक्षा के संजय, हरीपुर-गुना के राघवेंद्र प्रजापति, अनूपपुर के कक्षा 6वीं के अनुज आदि ने बताया कि मामाजी हम मोबाइल से पढ़ाई करते हैं। जब मुख्यमंत्री चौहान ने पूछा कि कोई पाठ समझ में नहीं आता है तो क्या करते हो। इसके उत्तर में बच्चों ने बताया कि वे मोबाइल से अपनी टीचर से बात कर लेते हैं। वे प्रश्नों के उत्तर बता देती हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने जब बच्चों से पूछा कि वे बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं तब भवरासला-इंदौर की कक्षा 4थी की वैशाली ने कहा कि वो कलेक्टर बनना चाहती है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बेटी मन लगाकर पढ़ो, तुम जरूर कलेक्टर बनोगी। कलेक्टर बनकर अच्छी कलेक्टरी करना तथा मामा का नाम रौशन करना।
ग्वालियर के विद्यार्थी अभिषेक पिता रविन्द्र ने मुख्यमंत्री को बतायाकि उसे मोबाइल से पढ़ाई करने में भी बहुत मजा आता है। जब मुख्यमंत्री ने पूछा कि तुम लोग कैसे हो, तो उसने कहा कि मामाजी हम सब अच्छे हैं, कोरोना में आप अपना ध्यान रखना।
मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यान्ह भोजन के रसोइयों ग्वालियर की श्रीमती रमाबाई, गुना की श्रीमती कविता बाई, धार की श्रीमती किरण बाई, अनूपपुर की श्रीमती निरसिया बेगा, मुरैना की श्रीमती पार्वती तथा इंदौर की श्रीमती सौरम बाई आदि से भी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की।
शिक्षकों द्वारा घर-घर जाकर शासकीय शालाओं में अध्यनरत लगभग 90 लाख छात्रों को पाठ्य पुस्तक एवं वर्क बुक का वितरण किया जा रहा है। अब-तक 90-95 प्रतिशत छात्रों को पाठ्य पुस्तक का वितरण किया जा चुका है।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षकों द्वारा छात्रों को सदस्य बनाकर 50 हजार से अधिक वाट्स एप ग्रुप का गठन किया गया है। कक्षावार बनाए गए वाट्स एप ग्रुप पर अब तक 19 लाख से अधिक छात्रों को प्रतिदिन शैक्षणिक वीडियो सामग्री भेजी जाती है एवं छात्रों द्वारा प्रश्न पूछने पर शिक्षकों द्वारा उसका समाधान किया जाता है।
आकाशवाणी एवं रेडियो वन्या में प्रतिदिन सोमवार से शुक्रवार तक 11 से 12 बजे के मध्य में अलग-अलग विषयों पर अध्यापन कार्यक्रम प्रसारित कराया जा रहा है। जिससे घर बैठकर छात्रों की पढ़ाई हो सकेगी।
वर्तमान में कक्षा 9वीं से 12वीं तक प्रतिदिन 3 घंटे अलग-अलग विषयों पर दूरदर्शन मध्यप्रदेश के माध्यम से अध्यापन कार्यक्रम प्रसारित किया जा रहा है। एक सितम्बर से कक्षा 6वीं से 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए पाठ्य-पुस्तक आधारित शैक्षिक कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा।
कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए घर पर ही पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन की समय-सारणी मुद्रित कराकर समस्त विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई गई है। शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन 5 विद्यार्थियों से दूरभाष पर संपर्क कर समय-सारणी अनुसार पढ़ाई की प्रगति के संबंध में चर्चा एवं उनकी कठिनाईयों को हल करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।