जबलपुर। दिल्ली में आयोजित स्वच्छता महोत्सव के कार्यक्रम में जैसे ही स्वच्छता सर्वेक्षण लीग -2020 की रैगिंग जारी हुई, वैसे ही इस बार फिर जबलपुर के अरमानों पर पानी फिर गया। करोड़ों फूंकने के बाद भी इस बार फिर जबलपुर का नाम टॉप-10 की सूची में शामिल नहीं हो पाया। हालांकि पिछले तीन सालों की तुलना में इस बार जबलपुर का प्रदर्शन बेहतर रहा, जिसके फलस्वरुप स्वच्छता सर्वेक्षण लीग में शहर ने 17 वां स्थान प्राप्त किया।


खुशी की बात यह है कि सिटीजन फीडबैक में 10 से 40 लाख की आबादी वाले शहरों में जबलपुर का पहला नंबर लगा है। जिसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहरवासी अपने शहर को नंबर वन बनाने के लिए बहुत जागरुक थे और उन्होंने दिल खोलकर अच्छा फीडबैक दिया। ऐसे ही दिल खोलकर और मन लगाकर यदि नगर निगम भी कमीशनबाजी छोड़कर सिर्फ और सिर्फ काम पर फोकस करता तो जबलपुर देश के 10 सबसे साफ शहरों में शामिल हो सकता था।


कोरोना संक्रमण के चलते आवार्ड फंक्शन में शामिल होने अधिकारी इस बार दिल्ली तो नहीं जा सके, लेकिन कलेक्ट्रेट के एनआईसी रुम से वर्चुअल रुप से कार्यक्रम के सहभागी बने। इस दौरान कलेक्टर भरत यादव, जेएमसी कमिश्नर अनूप कुमार सिंह, अपर आयुक्त रोहित सिंह कौशल, स्वच्छता अभियान की नोडल अधिकारी एकता अग्रवाल सहित अन्य मौजूद थे।


बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के अंतर्गत 4242 शहरों ने भागीदारी की थी, जिसमें शहरों को साफ-सफाई से आगे स्वच्छता को संस्थागत स्वरुप देना और नागरिक सुविधाओं को उपलब्धता को प्रमुखता से शामिल किया गया था। इस सर्वेक्षण के प्रमुख घटना अपशिष्ट संग्रहण, परिवहन एवं प्र-संस्करण, संवहनीयस्वच्छता, नागरिक  सुविधाओं की उपलब्धता को प्रमुखता से शामिल किया गया है। इन घटकों में कुल 6000 अंकों के आधार पर भारत सरकार द्वारा अधिकृत स्वतंत्र संस्था द्वारा मैदानी मूल्यांकन तथा जनता के फीडबैक के आधार पर अंतिम परिणाम प्रकाशित किए गए हैं। जिसमें जबलपुर को 4368.55 अंक प्राप्त हुए हैं।

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