भोपाल मध्यप्रदेश में कृषि एवं उद्यानिकी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों को और आगे बढ़ाने के लिये 25 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक बड़े पैमाने पर प्रदेशव्यापी कृषि महोत्सव मनाया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज यहाँ मंत्रालय में कृषि महोत्सव की तैयारियों और जिला स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक होने वाली गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती को लाभकारी बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश की कृषि क्षेत्र की उपलब्धियों को राष्ट्रव्यापी सराहना मिली है। कृषि वृद्धि दर को आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि क्रांति की परिस्थितियाँ बन रही हैं इसलिये बड़े स्तर पर तैयारी करने की जरूरत है।
पूरा प्रदेश सुनेगा मुख्यमंत्री का संबोधन
बैठक में बताया गया कि कृषि महोत्सव की शुरूआत पूरे प्रदेश में एकसाथ होगी। मुख्यमंत्री इसका शुभारंभ राजधानी में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह से करेंगे। सभी जिलों के नागरिक और किसान मुख्यमंत्री का संबोधन दूरदर्शन के माध्यम से सुन सकेंगे। इसके लिये ग्राम पंचायतों, विकासखण्डों और जिलों में विशेष व्यवस्था की जायेगी।
प्रत्येक विकासखण्ड में कृषि क्रांति रथ
प्रत्येक विकासखण्ड में एक-एक कृषि क्रांति रथ जायेगा जो एक दिन में तीन गाँव का भ्रमण करेगा। इस रथ में किसानों की जरूरत की सूचनाएँ, योजनाओं की जानकारी और तकनीकी परामर्श उपलब्ध होगा। इन रथ के साथ चलने वाले मैदानी अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। विकासखण्ड और जिला-स्तरीय कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने जिलों के कृषि परिदृश्य के अनुरूप कार्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने जी.पी.एस. सिस्टम के माध्यम से कृषि क्रांति रथों के गाँवों में भ्रमण पर निगरानी रखने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कृषि महोत्सव के दौरान किसानों की उत्पादन समितियों का राज्य-स्तरीय परिसंघ बनाने, ज्यादा से ज्यादा किसान क्रेडिट-कार्ड के वितरण, नवीन दुग्ध उत्पादन समितियों के गठन, खसरा-खतौनी वितरण, सोलर कृषि पंपों के प्रदर्शन और खेती-किसानी से जुड़े प्रसिद्ध विशेषज्ञों से किसानों का संवाद रखने जैसे कार्यक्रमों पर ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने नये कस्टम हायरिंग केन्द्रों की शुरूआत, विकासखण्ड-स्तरीय कृषि मेला का आयोजन, मत्स्य एवं पशुपालकों के सम्मेलन आयोजित करने पर भी ध्यान देने को कहा।
बीमा राशि का वितरण 17 सितम्बर को
देश के कृषि इतिहास में किसानों को सर्वाधिक राहत राशि और कृषि बीमा राशि बाँटने में मध्यप्रदेश ने इतिहास रचा है। प्रदेश के 14 लाख किसान को एक साथ 2200 करोड़ की बीमा राशि बाँटने का विशाल कार्यक्रम होशंगाबाद में 17 सितम्बर को प्रस्तावित किया गया है।
प्रदेश में फसल नुकसान की राहत राशि, फसल बीमा राशि, गेहूँ, मक्का, धान की बोनस राशि और शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण की राशि मिलाकर किसानों को 6000 करोड़ रूपये से ज्यादा उपलब्ध करवाये गये हैं। यह प्रदेश के इतिहास में सबसे ज्यादा है।
15 सितम्बर को विशेष ग्राम सभा
कृषि महोत्सव की रूपरेखा और गतिविधियों की जानकारी देने के लिये 15 सितम्बर को विशेष ग्राम सभा बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। इन बैठकों में मुख्यमंत्री द्वारा सरपंचों को लिखे गये पत्र को पढ़ा जायेगा।
उत्कृष्ट कृषि गतिविधियों के लिये पुरस्कार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषि क्षेत्र की गतिविधियों के उत्कृष्ट संपादन एवं प्रबंधन के लिये जिलों, राज्य, जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय कृषि अधिकारियों, ग्राम पंचायतों, किसानों को पुरस्कृत करने की योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान करने और कृषि विशेषज्ञों की सलाहकार परिषद जैसी संस्था बनाने पर विचार किया जाय।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, कृषि, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य-पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।