नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग की टीम ने एक ढाई माह की बच्ची को सकुशल मुक्त कराया है. आयोग की महिला पंचायत को मासूम बेटी के बेचे जाने की सूचना खुद उसके पिता ने दी थी. सूचना मिलते ही टीम ने पुलिस के साथ कई जगहों पर देर रात तक छापेमारी की. कड़ी मशक्कत के बाद एक जगह से बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया गया.
दिल्ली महिला आयोग की महिला पंचायत को अमनप्रीत नामक शख्स ने आकर बताया कि उसने अपनी एक ढाई महीने की बच्ची को परवरिश न कर पाने की वजह से किसी को सौंप दिया था. अब उसे बच्ची के बेचे जाने की सूचना मिली है. अमनप्रीत ने महिला आयोग से बच्ची को तस्करों से मुक्त कराने की गुहार लगाई. पिता की शिकायत मिलने के बाद महिला आयोग ने एक टीम का गठन किया. वो टीम पुलिस और बेटी के पिता के साथ सबसे पहले जाफराबाद पहुंची.
जहां शिकायतकर्ता ने खुद अपनी बेटी को सबसे पहले मनीषा नाम की महिला को 40,000 रुपये में बेचा था. मगर जाफराबाद के पते पर मनीषा नहीं मिली. जब अमनप्रीत ने मनीषा को फोन किया तो उसने बताया कि उसने भी बच्ची को आगे बेच दिया है. मनीषा से मिली जानकारी के बाद नेटिव के पिता को महिला आयोग की टीम थाने ले गई. वहां पुलिस ने उससे पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि अमनप्रीत वाहन चालक है. उसकी पहले से दो बेटियां हैं, और अब तीसरी बेटी होने पर उसने उसे 40,000 रुपए में बेच दिया था.
पूछताछ के दौरान उसने मादीपुर के एक संदिग्ध घर का पता बताया. आयोग की टीम पुलिस और उस व्यक्ति को लेकर मादीपुर के पते पर पहुंची तो वहां इंदु नामक महिला मिली. इंदु से पूछताछ में पता लगा कि उसने बच्ची को आगे शकूरपुर में राधा नाम की महिला को बेच दिया है. इसके बाद टीम शकूरपुर के पते पर पहुंची. वहां राधा ने पुलिस को बताया कि उसने बच्ची को चावड़ी बाजार में रहने वाली अपनी बहन को दिया था.
इसके बाद टीम चावड़ी बाजार पहुंची, जहां राधा कि बहन ने बताया कि उसने बच्ची को त्रिलोकपुरी में किसी जानकार के पास छोड़ा था. इसके बाद गुरुवार की सुबह बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया गया. इसके बाद पुलिस ने अमनप्रीत, इंदु, मंजू, मनीषा और राधा को गिरफ्तार कर लिया. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है. बच्ची के पुनर्वास की व्यवस्था भी जा रही है. बच्ची की बरामदगी के बाद दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस का आभार जताया है.