यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित सिविल सर्विस एग्जाम 2019 का रिजल्ट आने के बाद टॉप रैंकर्स की कहानियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। UPSC-2019 RANKERS की चर्चा दुनिया में जब भी होगी ऐश्वर्या श्योरान का नाम जरूर लिया जाएगा। क्योंकि ऐश्वर्या अकेली ऐसी टॉपर है जिसने अपनी लाइफ अपनी स्टाइल में गुजारी, दिल खोलकर मॉडलिंग की लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ी। जिस तरह मॉडलिंग के टॉप पर पहुंची थी उसी तरह यूपीएससी की टॉप रैंक तक पहुंच गई। अब सारी दुनिया ऐश्वर्या श्योरान को एक आईएएस के रूप में पहचानेगी।

ऐश्वर्या श्योरान (Aishwarya Sheoran) को सोशल मीडिया पर ब्यूटी विद सुपर ब्रेन का खिताब दिया जा रहा है। यूपीएससी सीएसई 2019 रिजल्ट में ऐश्वर्या ने 93 रैंक हासिल की है। साइंस की पढ़ाई करने वाली ऐश्वर्या ने अपनी इच्छाशक्त‍ि के बल पर ये मुकाम हासिल किया है। अपने सेलेक्शन के बाद ऐश्वर्या ने मीडिया से कहा कि मेरी मां ने पूर्व मिस वर्ल्ड व अभ‍िनेत्री ऐश्वर्या राय के नाम पर मेरा नाम रखा था।

मां चाहती थी कि ऐश्वर्या मॉडलिंग और फैशन जगत में नाम कमाएं। ऐश्वर्या ने कहा कि वह अभी भी मुझे मिस इंडिया बनते हुए देखना चाहती हैं। वैसे मैं मिस इंडिया के 21 फाइनलिस्ट में चुन ली गई थी लेकिन मेरा हमेशा से प्रशासनिक सेवा में जाना एक सपना था।

इसके लिए मैंने मॉडलिंग करियर से थोड़ा ब्रेक लेकर सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी। मॉडलिंग से निकलकर आईएएस बनने का सपना पूरा करना आसान नहीं था लेकिन असंभव भी नहीं था और आख‍िर में ऐश्वर्या को इसमें सफलता भी मिल गई।

ऐश्वर्या ने कहा कि मैं बचपन से ही पढ़ाई में अच्छी थी। मैंने यूपीएससी क्लीयर करने के लिए कोई कोचिंग क्लास भी नहीं की। उन्होने पढ़ाई पर फोकस करने के लिए अलग अलग रास्ते निकाले। जैसे पढ़ते वक्त फोन स्व‍िच ऑ‍फ रखा और सोशल मीडिया से दूरी बना ली, लेकिन बचपन से गहन अध्ययन काम आया

ऐश्वर्या एक साइंस स्टूडेंट थीं। मगर बाद में दिल्ली के श्रीराम कॉलेज आफ कॉमर्स में एडमिशन लिया। उनके पिता कर्नल अजय कुमार NCC तेलंगाना बटालियन के कमांडिंग आफिसर हैं।

मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि आपकी लाइफ के लिए कोई दूसरा व्यक्ति गोल सेट करके नहीं दे सकता। खुद को पहचानने और अपनी सबसे खास बात को तलाशने का काम व्यक्ति को खुद करना पड़ता है। ऐश्वर्या ने सबसे अच्छी ट्रिक यूज़ की। सबसे पहले अपनी मां के ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम किया और फिर थोड़ा सा टाइम चुराकर वह कर दिखाया जो वह करना चाहती थी। पेरेंट्स का सपना पूरा करने के लिए अपनी लाइफ में से 5 साल देना कोई महंगा सौदा नहीं है।

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