भोपाल। विश्वव्यापी कोरोना महामारी से बचाव के लिए मध्य प्रदेश सरकार कई जतन कर रही है। शासन प्रशासन द्वारा कई ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं इसके बावजूद ना सिर्फ राजधानी भोपाल के साथ पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमितो की संख्या में ना सिर्फ तेजी से वृद्धि हो रही है बल्कि राजधानी सहित कई ऐसे जिले हैं जहां कोरोना के विस्फोट की स्थिति बन चुकी है। भोपाल सहित कई जिले में संपूर्ण लॉकडाउन के प्रयोग को अपनाया जा रहा है किंतु इस दौरान भी महामारी से नासिर पीड़ितों की संख्या में वृद्धि हो रही है बल्कि मृतकों की संख्या भी लगातार बढ़ रहा है। हालत यह है कि एक्टिव मरीजों की संख्या लगातार आसमान छूने के कारण कोविड-19 सेंटर में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करनी पड़ रही है। पॉजिटिव पाए गए कई मरीजों को सेंटर में भर्ती करने में सिर्फ इसलिए देरी की जा रही है ताकि स्वस्थ हो गए मरीजों को घर रवाना करने के बाद खाली हुए बेड पर उन्हें शिफ्ट किया जा सके।
इस दौरान यह तथ्य सामने आया है कि राजधानी भोपाल मैं 25 जुलाई से 3 जुलाई तक किए गए टोटल लॉकडाउन के दौरान न सिर्फ कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है बल्कि अधिकतम संघ मरीज संख्या 208 का रिकॉर्ड भी कायम किया गया है। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों का अवलोकन और विश्लेषण करें तो मृतकों की संख्या भी पहले से बड़ी हुई दिखाई दे रही है। बता दें कि 10 दिन के अंतराल में राजधानी में संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान 1827 नए मरीज मिले। औसत के रूप में प्रतिदिन 183 कोरोना पॉजिटिव के नए केस सामने आए। इसी दौरान राजधानी में 30 जुलाई को सर्वाधिक 233 नए मरीज मिले जबकि पूरे प्रदेश में अब तक की सर्वाधिक संख्या 921 मरीज भी इसी अवधि के दौरान दो अगस्त को सामने आया।
25 जुलाई को जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तब भोपाल में एक्टिव मरीजों की संख्या मात्र 1565 थी जो सर्वाधिक संक्रमित शहर इंदौर से 238 कम रही। 10 दिन बाद जब राजधानी भोपाल का लॉकडाउन 3 अगस्त को रात 8:00 बजे समाप्त हुआ तब राजधानी भोपाल में एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2380 हो चुकी थी जो देश के गिने-चुने सर्वाधिक कोरोनावायरस प्रभावित शहरों में से एक इंदौर से 286 ज्यादा रही। यहां यह भी बताना आवश्यक है कि जब 25 जुलाई को भोपाल में 10 दिन का लॉकडाउन शुरू किया गया तब पूरे प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 7639 थी जो 10 दिन बाद 3 अगस्त को बढ़कर 9286 हो गई ।
बता दे इस दौरान न सिर्फ राजधानी भोपाल इंदौर सहित पूरे प्रदेश में टेस्ट की संख्या आश्चर्यजनक रूप से कम हुई बल्कि रिकवरी रेट बढ़ाने के उद्देश्य से कोविड-19 सेंटर से स्वस्थ होकर घर लौटने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ाई गई। किससे स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल द्वारा जारीआंकड़ों से स्पष्ट होता है प्रशासन इस विश्वव्यापी महामारी कोरोना के लगातार फैलते संक्रमण को आंकड़ों में कमतर करने का प्रयास कर रही है और सरकार इस पर पूरी तरह मौन है। संभवत यही कारण है कि अब 4 अगस्त से लॉकडाउन समाप्त कर रोज नए निर्देश जारी हो रहे हैं। यहां स्पष्ट हो कि आज गृह मंत्री द्वारा जारी नई व्यवस्था में पूरे प्रदेश में सप्ताह में मात्र 1 दिन रविवार का लॉकडाउन रहेगा। साथ ही पूरे प्रदेश में बाजार होटल रेस्टोरेंट खुलने का समय रात्रि 8:00 बजे से बढ़ाकर 10:00 बजे किया गया है। इसका शॉप मतलब है कि सरकार ने रात्रिकालीन कर्फ्यू की समय सीमा घटाकर रात 10:00 बजे से प्रातः 5:00 बजे भी कर दिया है। ऐसी दशा में जब लोग शारीरिक दूरी , मास्क के निरंतर और अलमारी उपयोग, भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में जाने से परहेज, विवाह एवं अन्य समारोह में निर्धारित से कई गुना ज्यादा संख्या में एकत्रित होने वाले भीड़, राजनीतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में झुकने वाले संख्या में कमी पर कोई बंदिश नहीं लग रहा है। तब अनलॉक करके सरकार किस दिशा में आगे बढ़ रही है यह आम संवेदनशील लोगों के समझ से परे है।