नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने राम मंदिर निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. आजतक से खास बातचीत में कमलनाथ ने कहा कि क्या भारतीय जनता पार्टी ने धर्म का ठेका ले रखा है? उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने साल 1985 में मंदिर का ताला खोल दिया था. उन्होंने 1989 में ही शिलान्यास की बात कही थी, लेकिन हम इसे राजनीतिक मंच पर नहीं लाए. राजनीतिक मंच पर धार्मिक भावना नहीं लानी चाहिए. पूर्व सीएम ने कहा कि छिंदवाड़ा में मैंने हनुमान मंदिर बनवाया है. मैं धार्मिक कार्यक्रम करता रहता हूं, लेकिन मैं उसका राजनीतिकरण नहीं करता हूं. राम मंदिर का जो क्रेडिट लेना चाहते हैं, उन्होंने क्या किया है? वो बस गुमराह कर रहे हैं. कांग्रेस ने मंदिर पर कोर्ट के फैसले का सम्मान किया. सभी भारतवासी मंदिर चाहते हैं. जब मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हो गया, तो बीजेपी इसे क्यों भुनाने में जुटी हुई है? धार्मिक मामले पर बीजेपी को राजनीति बंद करना चाहिए.
कमलनाथ ने कहा कि महाकाल मंदिर के लिए मेरी सरकार ने 300 करोड़ रुपये की योजना बनाई, लेकिन हमने इसका राजनीतिक प्रचार नहीं किया. देश में सबसे ज्यादा गौशाला मेरे शासनकाल में मध्य प्रदेश में बनाई गई हैं. मध्य प्रदेश में सत्ता से छुट्टी पर कमलनाथ ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि सौदे से सरकार बनाई गई है. सभी को पता है कि मध्य प्रदेश में सौदे की सरकार है. मेरी सरकार भी सौदे से गिराई गई थी. हम सौदे की राजनीति नहीं करते हैं और ना करेंगे. राजस्थान में फ्लोर टेस्ट क्यों नहीं हुआ. वहां भी यही खेल खेलने की साजिश हो रही है.