भोपाल. एक तरफ शिवराज सरकार ने प्रदेश में आने जाने के लिए हर नागरिक को रियायत दी है, तो वहीं पुलिस मुख्यालय ने अपने महकमे पर शिकंजा कसा है. मुख्यालय ने एक फरमान जारी किया है जिसके तहत कोई भी पुलिसकर्मी छुट्टी के दौरान अपने घर नहीं जा सकेगा. यानी जिस जिले में वे नौकरी कर रहा है उस जिले को छोड़ नहीं सकेगा. पुलिस मुख्यालय ने अपने आदेश में यह भी लिखा है कि यदि कोई इमरजेंसी है तो इसके लिए आईजी से परमिशन लेनी पड़ेगी. कुल मिलाकर प्रदेश की जनता को तमाम रियायत है, लेकिन पुलिसकर्मियों के लिए यह रियायत नहीं दी गई है. जबकि त्यौहार के चलते कई पुलिसकर्मियों ने घर जाने के लिए अवकाश ले रखा था. अब उन्हें अपने जिलों में ही रुकना पड़ेगा. इसके पीछे पुलिस मुख्यालय  ने कारण बताया है कि पुलिसकर्मियों के इधर उधर जाने से संक्रमण फैलता है.

मध्य प्रदेश में आईपीएस से लेकर कॉन्स्टेबल रैंक के अधिकारी कर्मचारियों की डेढ़ लाख की फोर्स है. पुलिस मुख्यालय ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यालय के द्वारा जारी की गई. गाइडलाइन का पुलिसकर्मी पालन नहीं कर रहे हैं. साथ ही वह अपने घर जाते हैं उस समय भी नियमों का पालन नहीं करते हैं. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है. पुलिस के कार्य स्थल पर ही नहीं बल्कि उनके परिवार में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है. ऐसे में मुख्यालय ने हिदायत दी है कि सभी पुलिसकर्मी गाइडलाइन का पालन करें.

पुलिस मुख्यालय ने हाल ही में सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर गाइडलाइन का पालन कराने के लिए कहा है. मुख्यालय ने कहा है कि जिले के एसपी की जिम्मेदारी रहेगी कि वह पुलिसकर्मियों को मुख्यालय के द्वारा जारी की गई तमाम गाइडलाइन का पालन करायें. मध्य प्रदेश पुलिस के कई जवानों ने इसलिए छुट्टी ले रखी थी ताकि वह त्यौहार पर अपने घर जा सकें. लेकिन मुख्यालय के इस आदेश के बाद अब उनकी छुट्टी उसी जिले में गुजरेगी, जहां पर वह पदस्थ हैं. हालांकि,  मुख्यालय का यह भी कहना है कि किसी पुलिस जवान को मेडिकल इमरजेंसी है या फिर दूसरा जरूरी काम है तो वह आवेदन आईजी के पास लगाएगा और आईजी जब मंजूरी देगा तभी वह उस मंजूरी के तहत दूसरे जिले में जा सकेगा.

पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी को जो पत्र लिखा है, जिसमें किसी भी पुलिसकर्मी को एक ऑफिस से दूसरे पुलिस ऑफिस में नहीं जाने की सलाह दी गई है. साथ ही जितने भी पुलिस के कामकाज है सभी कामकाज ऑनलाइन हो. पुलिस में जो डाक व्यवस्था है उसे बंद कर ई-मेल का सहारा लिया जाए. ईमेल के जरिए तमाम पत्राचार किए जाए. कम से कम दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाए. मुख्यालय ने यह भी कहा है कि कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी काम के लिए दूसरे जिले में न जाए. ज्यादा से ज्यादा डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाए.

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