इंदौर। कोरोना सर्वे और सैंपलिंग के काम में लगी एक हजार से अधिक बहनों को कलेक्टर ने राखी का तोहफा दे दिया। काम के बंधन से मुक्त करके उन्हें छुट्टी दे दी, ताकि वे अपने भाइयों के साथ परिवार में रहकर त्योहार मना सकें। इधर, ईद पर मुस्लिम बहनों को भी कार्य मुक्त रखा गया।
कोरोना महामारी से जंग में लड़ रहे सरकारी महकमे में बड़ी संख्या में महिला स्टाफ भी शामिल है, जो पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर मेहनत कर रही हैं। इसमें डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी हैं, जिनकी संख्या एक हजार से अधिक है। कई जगह तो महिलाओं के भरोसे काम हो रहा है, जिसमें पुलिस की भूमिका कम है।
ये महिलाएं रक्षाबंधन को लेकर चिंतित थीं कि भाइयों के कलाई सूनी ना रह जाए। कलेक्टर मनीष सिंह ने उनकी चिंता दूर कर सभी बहनों को सोमवार की छुट्टी दे दी है। इसके अलावा आज ईद की मुस्लिम महिलाओं को भी छूट दे दी गई। सिंह ने अपने सभी अधीनस्थों को दोनों ही संदेश जारी कर दिए, ताकि वे नीचे तक बात को पहुंचा कर अमल में ला सकें। ये खबर मिलने के बाद महिला स्टाफ के चेहरे खिल गए।
रक्षाबंधन के दिन महिला स्टाफ की छुट्टी होने पर वैसे ही टीम आधी हो जाएगी। दूसरा मानवीय पक्ष ये भी है कि त्योहार के दिन किसी परिवार में सैंपल लेने जाना भी ठीक नहीं है। ऐसे में सरकारी अमला अब उन्हीं स्थानों पर जाएगा, जहां पर बहुत आवश्यक है या महामारी फैलने का खतरा अधिक है। परिवारों से आग्रह करेंगे कि बाहर ना जाएं और ना बाहर से किसी रिश्तेदार को घर आने दें।
सैंपल लेने वाली शहर में करीब ५० टीमें हैं, जिनमें ५० महिला डॉक्टर और ५० नर्स हैं। कुल मिलाकर सौ का स्टाफ तो ये हो गया। इसके अलावा सर्वे करने वाली प्रत्येक थाने की टीम है, जिसमें दस नर्स, २० आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। एक थाने पर ३० महिलाओं का स्टाफ है, जिसके हिसाब से शहर में करीब ९०० महिलाए इस काम में लगी हैं। इसके अलावा भी कांटेक्ट हिस्ट्री के काम में करीब ५० महिलाए लगी हैं। वहीं, चौथी टीम जो मरीज को अस्पताल पहुंचाती है या होम क्वॉरंटीन करती है, उसमें भी दो महिला डॉक्टर रहती हैं। उस हिसाब से हजार से अधिक महिलाओं का स्टाफ है।
रक्षाबंधन पर्व पर शासकीय सेवाओं, महिला डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, आंगनवाड़ी महिला बहनों को छूट देने के लिए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता जेपी मूलचंदानी ने प्रशासन से आग्रह किया था। इसको लेकर वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे से भी चर्चा की थी, जिस पर उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर छूट देने की बात की।