भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मास्क एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से उपयोग करके ही हम कोरोना संक्रमण पर पूरा नियंत्रण कर पाएंगे। लॉकडाउन खुलने पर यदि इसका पालन नहीं किया जाता है, तो पुनः संक्रमण फैल जाता है तथा सारी मेहनत बेकार जाती है। दूसरी ओर लॉक डाउन करने से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होती है। अब वर्तमान घोषित लोक डाउन के पश्चात लॉकडाउन नहीं करना है तथा पूरी सावधानी एवं सतर्कता के साथ विधि एवं नियमों का पालन करते हुए कोरोना को हराना है।

मुख्यमंत्री चौहान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो, जनप्रतिनिधि हों अथवा अधिकारी हो, यदि उन्होंने इसका पालन नहीं किया तो फिर कार्यवाही होगी। कोरोना को समाप्त करने के लिए सभी को इन सावधानियों को बरतना अनिवार्य है। उन्होंने मंत्री गणों से कहा कि आगामी 14 अगस्त तक कोई सार्वजनिक दौरे नहीं करें, वीसी के माध्यम से बैठकें करें, वर्चुअल रैली करें, अपने आवास पर भी एक बार में 5 से अधिक व्यक्तियों से न मिलें।

मुख्यमंत्री चौहान चिरायु अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। वीसी में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चुनाव से अधिक आवश्यक है लोगों की जान बचाना। कोई भी जनप्रतिनिधि कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम न करे। गाइडलाइंस का पालन न करने पर जुर्माने तथा प्रकरण दर्ज करने, दोनों की कार्रवाई की जाएगी।

कोरोना की जिलेवार समीक्षा के दौरान पाया गया कि मुरैना में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण पा लिया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गत दिनों जिस तरह से वहां संक्रमण फैला उसके बाद जिस तत्परता के साथ वहां इसे रोकने के प्रयास किए गए वे सराहनीय है। अब वहां कोरोना पॉजिटिविटी रेट घटकर 3.03 प्रतिशत हो गया है। मुरैना ने उदाहरण प्रस्तुत किया है। ग्वालियर भी अब नियंत्रण में है वहां बाजार खुल गए हैं। मुख्यमंत्री ने दोनों जिलों के अमले को बधाई दी।

ग्वालियर में कोरोना की मृत्यु के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि वहां 4 प्रकरणों में बहुत देर से और गंभीर हालत में अस्पताल आने के कारण व्यक्तियों की जान नहीं बचाई जा सकी। इस संबंध में मुख्य सचिव बैंस ने निर्देश दिए कि हर प्रकरण की जड़ तक जाएं व जांच करें कि प्रकरण लेट क्यों आया। जनता को जागरूक किया जाना आवश्यक है, जिससे लक्षण दिखते ही व्यक्ति को तुरंत अस्पताल लाया जाए। समय पर अस्पताल आने से हर कोरोना संक्रमित व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सही है कि बीते कुछ दिनों में प्रदेश में कोरोना के प्रकरणों में वृद्धि हुई है, परंतु अभी भी तुलनात्मक रूप से देश में कोरोना संक्रमण में प्रदेश का स्थान 15वां है। वर्तमान में प्रदेश में 8454 एक्टिव केसेस हैं, प्रदेश का रिकवरी रेट 69.9 है तथा मृत्यु दर घटकर 2.77 हो गई है। प्रदेश में 21657 कोरोना संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। आज की स्थिति में प्रदेश में प्रतिदिन टेस्टिंग क्षमता 9156 प्रति दस लाख है।

भोपाल में एंटीजन टेस्ट प्रारंभ

एसीएस हेल्थ सुलेमान ने बताया कि भोपाल में एंटीजन टेस्ट भी प्रारंभ कर दिए गए हैं। इससे अब बड़ी संख्या में तथा जल्दी कोरोना टेस्ट हो सकेंगे। कलेक्टर भोपाल ने बताया कि भोपाल में कोरोना के इलाज एवं क्वॉरेंटाइन की नि:शुल्क शासकीय व्यवस्था के अलावा अब पेड व्यवस्था भी निजी क्षेत्र में प्रारंभ हो गई है।

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