भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के तहत प्रदेश भर में चार सौ स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर इसके हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा। वहीं पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नवगठित 21 नगरपरिषदों को वापस लेने संबंधी जारी की गई अधिसूचना निरस्त कर यथावत नगर परिषद रखने के निर्णय का भी अनुमोदन किया गया। वहीं केवलारी के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री को विचार करने के लिए कहा है। प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना शुरु की जा रही है। इसमें ग्रामीण अंचलों में फुटपाथ किनारे व्यवसाय करने वाले सभी छोटे व्यवसाईयों को राज्य सरकार दस हजार रुपए का बिना ब्याज कर्ज उपलब्ध कराएगी। इसमें ब्याज की भरपाई केन्द्र सरकार करेगी। इस योजना में पहले चरण में प्रदेश के एक लाख हितग्राहियों को लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया है। आठ लाख से अधिक लोग इस योजना में पंजीयन करा चुके है। प्रदेशभर में आयोजन कर इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
कोरोना पाजीटिव पाए जाने के बाद चिरायु अस्पताल में भर्ती हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने चिरायु अस्पताल से वर्चुअल कैबिनेट को संबोधित किया। वंदे मातरम के साथ कैबिनेट शुरु हुई। मुख्यमंत्री ने अपने काबीना मंत्रियों से कहा कि कोरोना से बिलकुल घबराने की जरुरत नहीं है, कोरोना स्वावलंबन सिखाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पूरी तरह से स्वस्थ है और लगातार काम करने का प्रयास कर रहे है। उन्हें जो खासी हुई थी वह लगभग समाप्ति की ओर है। उन्होंने अपने साथी मंत्रियों को बताया कि अस्पताल में वे अपनी चाय खुद बना रहे है और कपड़े भी खुद धो रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके हाथ में फ्रैक्चर हुआ था और उन्हें भी फिजियोथैरेपी की आवश्यकता होती थी लेकिन अस्पताल में कपड़े धोने के दौरान हाथ का मूवमेंट लगातार हो रहा है जिसके कारण हाथ में काफी आराम मिला है। कैबिनेट के दौरान उन्होंने कोरोना की समीक्षा भी की और चंबल एक्सप्रेस वे को लेकर प्रस्तुतिकरण भी देखा।