आगरा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में जिस जमीन में गरीब व्यक्ति निवासरत है, उसे उस जमीन का पट्टा दिया जायेगा। उन्होंने भारत सरकार से भूमि सुधार कानून शीघ्र बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने इस कानून को मध्यप्रदेश सरकार के पूरे समर्थन और उसे लागू करने का भरोसा दिलाया। श्री चौहान ने गरीबों के हक में अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से एक जुट होने का आह्वान भी किया।
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह बात समग्र भूमि सुधार कानून बनाने के लिये एकता परिषद द्वारा चलायी जा रही जन सत्याग्रह पदयात्रा में आज आगरा में कही। उन्होंने कहा कि वे कुर्सी छोड़ सकते हैं, लेकिन गरीबों का साथ नहीं छोड़ सकते। उन्होंने कहा कि टाइगर बचाये जायें लेकिन ट्राइबल को विस्थापित किया जाना मंजूर नहीं है। उन्होंने जोर देते हुये कहा कि गरीबों के मुद्दे राजनीति के केन्द्र में होना चाहिये। उन्होंने कहा कि आम आदमी के मुद्दों पर विशेष चर्चा की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में 1 लाख 76 हजार बनवासियों को जमीन के पट्टे दिये गये हैं। पट्टे देने का यह अभियान आगे भी चलेगा, जब तक हर एक आदिवासी एवं वन निवासी को पट्टे नहीं मिल जाते। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वनोपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने तथा किसानों एवं मछुआरों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की अभूतपूर्व पहल की गई है। श्री चौहान ने भारत सरकार से भी इस दिशा में जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से भूमि सुधार कानून बनाने के लिये एक काउंसिल बनाने का अनुरोध किया जिसमें जनता से जुड़े हुए व्यक्तियों को भी शामिल करने तथा इसकी शीघ्र बैठक करवाकर ठोस कानून बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि भूमि सुधार के लिये बनाये जाने वाले कानून का मध्यप्रदेश में पूरी शिद्दत के साथ पालन किया जायेगा। साथ ही इसके लिये वे अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से भी अनुरोध करेंगें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को आदर्श राज्य बनाने के लिये सभी जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। उनके लिये समाज के सबसे अंतिम छोर पर खड़ा व्यक्ति सर्वोपरि है। वे गरीबों के हक की लड़ाई में सदैव उनके साथ हैं।