जबलपुर। घमापुर कन्या शाला में एक शिक्षिका एक साथ तीन कक्षाओं की छात्राओं को पढ़ाने को मजबूर है। ऎसा इसलिए हुआ कि नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण अतिथि शिक्षिकाओं की नियुक्ति अब तक नहीं हो सकी है। स्कूल प्रबंधन द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद भी निगम भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका है। निगम प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा बालिकाएं भोग रही हैं। सत्र चालू होने के लगभग एक महीने बाद भी निर्घारित कक्षाएं शुरू नहीं हो सकी हैं।

ये है मामला
नगर निगम उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला घमापुर में 9 से 12 वीं तक की कुल सात कक्षाओं में करीब 350 छात्राएं पढ़ने आ रही हैं। इनमें 9वीं की दो, 10वीं की तीन, 11वीं एवं 12वीं की एक-एक कक्षा शामिल है। स्कूल में प्राचार्य को मिलाकर चार शिक्षिकाओं पर सातों कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। इससे प्रत्येक पीरियड के हिसाब से अलग-अलग शिक्षिकाओं द्वारा 9वीं और 10वीं की छात्राओं को एक साथ बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी 10वीं की छात्राओं को हो रही है, करीब सवा सौ छात्राओं की क्लास स्कूल के हॉल में लगाई जा रही है।

विज्ञापन नहीं निकले
स्कूल प्राचार्य अल्पना नंदी ने बताया कि स्कूल में चार नियमित शिक्षिकाएं हैं। नगर निगम शिक्षा विभाग द्वारा हर साल अतिथि शिक्षिकों की नियुक्ति गर्मी की छुट्टीयों के दौरान कर दी जाती है। इस बार अभी तक भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हो पाई है। वहीं निगम की शिक्षा प्रभारी तृष्णा चटर्जी का कहना है कि अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए जल्द ही नगर निगम द्वारा विज्ञापन जारी किया जाएगा। संभवत: महीने के आखिर तक शिक्षकों की नियुक्ति कर ली जाएगी

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