ग्वालियर। ग्वालियर नगर निगम ने फिर एक उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की है। ग्वालियर नगर निगम की स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वच्छ सर्वेक्षण लीग -२०२० में गारवेज फ्री सिटी स्टार रेटिंग में थ्री स्टार रेटिंग मिली है। इस रेटिंग से नगर निगम ग्वालियर के साथ साथ पूरा ग्वालियर शहर गौरवान्वित हुआ है। अब नगर निगम ग्वालियर जल्दी ही ५ स्टार और ७ स्टार रेटिंग के लिये भी आवेदन करेगा। उक्त जानकारी आज नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान दी।
उन्होंने बताया कि यह हम सबके लिये अत्यंत गर्व की बात है । ग्वालियर नगर निगम पूर्व से ही ओडीएफ प्लस शहर घोषित हो चुका है, थ्री स्टार रेटिंग होने से निगम को अब ६०० अंक मिलेंगे जिससे स्वच्छ सर्वेक्षण लीग २०२० में गत वर्षों की तुलना में अवश्य सुधार होगा। निगम आयुक्त माकिन ने बताया कि स्टार रेटिंग के लिये भारत सरकार द्वारा तीन प्रकार के मापदंड निर्धारित किये गये थे। इसमें १. मेण्डेटरी (अनिवार्य),२ . इसेन्सियल (आवश्यक) तथा ३. डिजायरेबल (वांछनीय)। उपरोक्त मापदंडों में अनिवार्य केटेगरी में ६० प्रतिशत , आवश्यक केटेगरी में ५० प्रतिशत एवं वांछनीय केटेगरी में ३० प्रतिशत अंक सर्वेक्षण में प्राप्त करना अनिवार्य था। इस श्रेणी के वांछनीय मानदंण्ड में नगर निगम ग्वालियर का सी एंड डी वेस्ट निष्पादन मॉडल का आंकलन न होने के कारण शून्य अंक दिया गया । जिस कारण नगर निगम को ०१ स्टार रेटिंग शहर घोषित किया गया। नगर निगम ग्वालियर द्वारा इस तथ्य को भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय में पत्र प्रेषित कर तथा सांसद विवेक शेजवलकर के विशेष सहयोग तथा अधिकारियों के पास ले जाकर पुन: परीक्षण का आवेदन उपरांत पुन: जांच कराये जाने पर सी एंड डी वेस्ट मटेरियल निष्पादन मॉडल स्वीकार किया जाकर उसके अंक दिये गये, जिस कारण नगर निगम ग्वालियर को अब थ्री स्टार रेटिंग प्राप्त हो गई है।
ग्वालियर के साथ-साथ विशाखापटटनम , वडोदरा , अहमदनगर , पुणे, बल्लारपुर, नोएडा को भी थ्री स्टार रेटिंग में अपग्रेड किया गया है। माकिन ने बताया कि नगर निगम ग्वालियर ने सी एंड डी वेस्ट के निष्पादन के लिये एक विशिष्ट मॉडल के आधार पर निष्पादन किया है, जिसमें नगर निगम ग्वालियर द्वारा क्रेशर फर्म को अनुबंधित किया जाकर उसे ग्वालियर में चिन्हित दस स्थानों से नगर निगम द्वारा एकत्रित किये गये सी एंड डी वेस्ट को परिवहन कर ले जाने तथा तथा उसका निष्पादन कर जीएसबी मटेरियल , पेवर ब्लॉक आदि निगम के ठेकेदारों को वापिस विक्रय करने का अनुबंध किया गया। जबकि देश के अन्य नगर निगम द्वारा स्वयं के सी एंड डी डिस्पोजल प्लांट स्थापित किया जा रहे हैं। जिसमें निगम की धनराशि के व्यय के साथ-साथ शासन की कीमती भूमि का भी दोहन हो रहा है। इस मौके पर अपर कमिश्रर नरोत्तम भार्गव, नोडल आफीसर पवन सिंघल, सत्यपाल सिंह चौहान, श्रीकांत कांटे, पीआरओ मधु शोलापुरकर, हितेन्द्र सिंह भदौरिया भी साथ थे।