भोपाल ! व्यापमं घोटाले को लेकर राज्य विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पर हुई चर्चा और हंगामे के बाद आज यह मुद्दा एक बार फिर विधानसभा में गूंजा। शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। उन्होंने यह मांग भी दोहराई, कि व्यापमं घोटाले और पूर्व सरकार के समय भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच कराई जाए। प्रश्नकाल समाप्त होते ही कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी ने यह मामला सदन में उठाया। अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने उन्हें यह कहकर इस बात की अनुमति नहीं दी, कि इस पर स्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा हो चुकी है और सरकार सीबीआई जांच की मांग से इनकार कर चुकी है। इसलिए अब इस पर सदन में चर्चा नहीं कराई जा सकती। अध्यक्ष द्वारा इस मामले पर चर्चा से इनकार के बाद नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने इस मुद्दे पर बहिर्गमन की घोषणा की और कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से उठकर चले गए। उल्लेखनीय है, कि बुधवार को इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा हुई थी। विपक्ष के भारी हंगामे में चलते मुख्यमंत्री इस चर्चा का जवाब महज 20 मिनट ही दे पाए थे। उन्होंने अपने भाषण में दिग्विजय शासनकाल की नियुक्ति की बात उजागर की थी, जिस पर विपक्ष भड़क गया था। नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने यह मांग की थी, कि यदि मुख्यमंत्री हमारी सरकार पर भी आरोप लगा रहे हैं तो वे व्यापमं के साथ-साथ इसकी जांच भी सीबीआई को सौंप दें। इसे लेकर विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने बुधवार को जमकर हंगामा किया था और वे आसंदी के समक्ष धरने पर भी बैठ गए थे। गुरुवार को भी यही नजारा था इसलिए मुख्यमंत्री अपना भाषण पूरा नहीं कर पाए थे। बाद में उन्होंने सदन के पटल पर अपना भाषण रख दिया था। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था, कि विपक्ष उन्हें नहीं बोलने दे रहा है यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने व्यापमं मुद्दे को लेकर सरकार पर लगाए गए आरोपों को लेकर जोरदार खंडन किया था।

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