नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को तहलका के संस्थापक-संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न मामले में जमानत दे दी। तेजपाल को नवंबर, 2013 में गोवा में एक होटल में महिला सहकर्मी के यौन-उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू और न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे की पीठ ने तेजपाल को जमानत दे दी। इसके साथ ही पीठ ने गोवा सरकार को इस बात की छूट दी है कि यदि उसे लगता है कि तेजपाल गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वह अदालत से संपर्क कर सकती है।न्यायालय ने तेजपाल से कहा कि यदि उन्होंने अब तक अपने पासपोर्ट निचली अदालत में जमा नहीं कराए हैं तो अब ऐसा करें। सर्वोच्च न्यायालय ने तेजपाल की अंतरिम जमानत की अवधि एक जुलाई तक के लिए बढ़ा दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने 19 मई को उन्हें अपनी मां के अंतिम संस्कार के कर्मकांड को पूरा करने के लिए तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। तीन जून को अंतरिम जमानत की अवधि अंतिम संस्कार से जुड़े अन्य कर्मकांडों को पूरा करने के लिए 27 जून तक के लिए बढ़ा दी गई थी। तेजपाल पर 18 फरवरी को दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के आरोप तय किए गए थे।

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