भोपाल ! मध्यप्रदेश में सरकार के लिए गले की फांस बनता दिखाई दे रहा बहुचर्चित व्यापम घोटाला मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख दिवंगत के एस सुदर्शन और वरिष्ठ नेता सुरेश सोनी के नाम कतिपय समाचार माध्यमों में आने के बाद प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने इन खबरों को नकार दिया। प्रदेश पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि उपलब्ध दस्तावेजों और व्यापम की हार्ड-डिस्क में उपलब्ध डाटा में जो भी जानकारी सामने आई है उसके आलोक में समाचार माध्यमों में सुदर्शन और सोनी से संबंधित प्रकाशित और प्रसारित समाचार असत्य एवं भ्रामक हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुदर्शन का मध्यप्रदेश से बाहर लंबी अस्वस्थता के चलते रायपुर में 15 सितंबर 2012 को निधन हो गया था। जबकि परीक्षा सात अक्टूबर 2012 को हुई थी और परिणाम 18 अक्टूबर को घोषित हुए थे। विज्ञप्ति में बताया गया है कि व्यापम के माध्यम से भर्ती मामले में कतिपय समाचार पत्रों में प्रकाशित और इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनल्स पर प्रसारित समाचारों में संघ के पूर्व प्रमुख स्वर्गीय के एस सुर्दशन और सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी द्वारा कथित तौर पर सिफारिश करने का उल्लेख किया गया है। उपलब्ध दस्तावेजों के आलोक में यह समाचार असत्य और भ्रामक हैं। व्यापम मामला इन दिनों मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पूरी जोरशोर से उठा रही है और मीडिया में भी इससे जुडीं खबरें नए-नए खुलासे करते हुए दिखाई दे रही हैं। सरकारी एजेंसी व्यापम की ओर से हाल के वर्षों में अनेक महत्वपूर्ण प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की गईं। व्यापम के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से दलालों और राजनेताओं ने कथित तौर पर बड़ी धनराशि लेकर अनेक परीक्षार्थियों को पात्र नहीं होने के बावजूद सरकारी मेडिकल कालेजों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में भर्ती कराया है। इस घोटाले की जांच राज्य पुलिस का विशेष कार्य बल कर रहा है और उसने दर्जनों प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही सैकडों लोगों को हाल के महीनों में गिरफ्तार किया है। इनमें व्यापम के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी के अलावा राज्य के तत्कालीन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा भी शामिल हैं।
व्यापम घोटाले की आंच अब दिल्ली में भी दिखाई देने लगी है। भाजपा नेता इस बात की दुहाई दे रहे हैं कि जांच चल रही है तथ्य सामने आ जाएगा लेकिन कांग्रेस नेताओं ने भाजपा और संघ की इमानदारी पर एक साथ सवाल खड़े कर दिए हैं। व्यापम घोटाले को लेकर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि सच्चाई सामने आनी चाहिए तो दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि न्यायलय के निगरानी में जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। घोटाले की बढ़ती तपिश को देखते हुए आखिरकार संघ प्रमुख मोहन भागवत को सफाई देनी पड़ी। भागवत ने सफाई देते हुए कहा कि पुलिस जांच कर रही है हमको इससे फर्क नहीं पड़ता है वहीं दूसरी ओर संघ और भाजपा की कड़ी माने जाने वाले सुरेश सोनी ने भी कहा है कि इस बारे में मीडिया ट्रायल न हो। पुलिस की जांच चल रही है इस घोटाले में पूर्व संघ प्रमुख सूदर्शन का नाम आना दुर्भाग्यपूर्ण है। संघ प्रवक्ता राम माधव ने कहा कि संघ को बदनाम करने साजिश की जा रही है। ऐसे लोगों को सफलता नहीं मिल पाएगी जो संघ को बदनाम करने को सोच रहे हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा नेता इस बात से हैरान है कि आखिरकार ऐसे बड़े मामले में से कैसे निपटा जाए। इस घोटाले को आए हुए लगभग एक सप्ताह से अधिक हो चुका है लेकिन भाजपा के बड़े नेताओं ने इस मामले पर किसी तरह का कोई टिप्पणी नहीं की है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल में दिल्ली आकर इस बारे में नितिन गडकरी को सफाई दी है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि व्यापम मामले की जांच हो रही है इस षडयंत्र में जो भी होगा वह पकड़ा जाएगा और उसे सजा मिलेगी। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रभक्ति और नैतिकता की नुमाइंदगी का दावा करता है।