नई दिल्ली ! मध्य प्रदेश में भर्ती घोटाले को लेकर सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है। इस घोटाले में पहले जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नाम लिया जा रहा था वहीं अब पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन का नाम भी सामने आ रहा है। शिवराज के राज में हुए भर्ती घोटाले में एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रमुख आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने पूर्व संघ प्रमुख सुदर्शन के सहयोगी की नियुक्ति की सिफारिश की थी। सुरेश सोनी के बाद केसी सुदर्शन का नाम भी इस घोटाले में उछलने से कांग्रेस ने भाजपा और आरएसएस पर हमला तेज कर दिया है। जबकि मामले के तूल पकडऩे के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि कानून अपना काम करेगा। हमको चिंता नहीं है। घोटाले में संघ व भाजपा नेताओं के शामिल होने के मामले को तूल देते हुए सैकड़ों की तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री के आवास को घेरने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हें बीच में रोक दिया। इस बीच पुलिस व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नोकझोक हुई। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि व्यापम घोटाले ने भाजपा और आरएसएस का मुखौटा उतार कर रख दिया है। जिस प्रकार से शिवराज के मंत्रियों और अधिकारियों के नाम के तार इस घोटाले से जुड़े और उसके तथ्य सामने आए हैं, उसे देखते हुए इस मामले की व्यापक और निष्पक्ष जांच की जाए।

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